दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर कश्मीरी पंडितों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बारे में हम आपको बता चुके हैं। इसका सबसे मुख्य कारण था विधानसभा में सीएम द्वारा नब्बे के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म ‘The Kashmir Files’ को टैक्स फ्री करने से इनकार करते हुए उनके और उनके विधायकों द्वारा इस पर ठहाके लगाना। यहाँ हम आपको उस विरोध प्रदर्शन के अन्य पहलुओं के बारे में भी बताएँगे।
इस विरोध प्रदर्शन को ‘India 4 Kashmir’ के बैनर तले आयोजित किया गया था। इस विरोध प्रदर्शन के बाद संस्था ने बयान भी जारी किया है और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार का मजाक बनाने का आरोप लगाया है। संगठन ने बुधवार (30 मार्च, 2022) को हुए विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बताते हुए कहा कि ‘I4K’ सीएम केजरीवाल के इस बयान की कड़ी निंदा करती है। ये संगठन कश्मीर में हिन्दुओं को उनकी खोई जमीन वापस दिलाने और साथ ही उन्हें सम्मान के साथ वहाँ बसाने के लिए अभियान चलाता है।
संगठन ने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन में उसके कार्यकर्ताओं के अलावा सिविल सोसाइटी के कई लोग और कश्मीरी पंडित समाज के लोग भी शामिल थे। संगठन ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जैसे पूर्ण रूप से कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का मजाक बनाया, उस पर प्रदर्शनकारियों ने आपत्ति जताई। बयान में ये भी कहा गया है कि उनके द्वारा इस नरसंहार को झूठा बताना कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए एक शॉक की तरह आया है और इस नरसंहार के पीड़ितों और सर्वाइवर्स का ये खुला अपमान है।
अपने बयान में ‘I4K’ ने कहा, “ये विरोध प्रदर्शन कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के पीड़ितों और बचे हुए लोगों के साथ समर्थन दिखाने का एक शांतिपूर्ण माध्यम था। ऐसे लोग, जिन्हें 1990 के बाद इस्लामी आतंकवाद ने बेघर कर दिया। आईपी कॉलेज से लेकर फ्लैगस्टाफ़ रोड तक प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर-बैनरों के साथ नारेबाजी करते हुए मार्च किया। अरविंद केजरीवाल के लिए गुलाब के फूल लाए गए थे और उनके लिए ‘Get Well Soon (जल्दी ठीक हो जाओ)’ के हस्तलिखित नोट्स भी छोड़े गए।”
‘I4K’ के नेशनल कोऑर्डिनेटर रोहित कचरू ने अरविंद केजरीवाल के बयान से दुःखी होकर कहा, “नरसंहार को नकारने का अर्थ हुआ कि आप इसे सक्रिय कर रहे हैं। ये एक अंतरराष्ट्रीय अपराध है और उससे भी ज्यादा ये अरविंद केजरीवाल ने इस नरसंहार को अंजाम देने वालों का साथ देते हुए पूरी ‘The Kashmir Files’ फिल्म को झूठा बता दिया। हम लोकतंत्र के मंदिर में इस तरह का बयान दिए जाने की कड़ी निंदा करते हैं।”
साथ ही उन्होंने कहा कि जिस दिन ये बयान दिया गया, वो दिल्ली विधानसभा के इतिहास का ‘काला दिन’ था। संगठन के जम्मू-कश्मीर कोऑर्डिनेटर विकास रैना ने बताया कि उनके पिता की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उन्हें 12 गोलियाँ लगी थीं। उन्होंने याद किया कि वो अपने पिता के पार्थिव शरीर को भी देखना की हिम्मत नहीं कर पाए थे, जिन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया था। विकास रैना ने पूछा कि क्या ये एक ‘झूठी कहानी’ है?
बता दें कि ‘कश्मीरी पंडितों का कसाई’ कहे जाने वाले बिट्टा कराटे के खिलाफ मामला अदालत में खुलवाने के लिए विकास रैना ने ही याचिका डाली है। कश्मीर में मारे गए हिन्दुओं को न्याय दिलाने के लिए वो आगे रहते हैं और कानूनी लड़ाई लड़ते हैं। इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने जयपुर से दिल्ली आईं ‘I4K’ की राजस्थान कोऑर्डिनेटर पूर्णिमा कौर ने भावुक होकर कहा कि एक माँ होने के नाते वो अरविंद केजरीवाल के इस बयान और उनकी हँसी से खासी आहत हैं।
उन्होंने कहा कि ये नरसंहार एक गंभीर मुद्दा है और इस पर इस तरह की हरकतें शोभा नहीं देतीं। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद से उन्हें ठीक से नींद भी नहीं आ रही है। ‘I4K’ ने स्पष्ट किया कि नरसंहार को नकारने का अर्थ है नरसंहार करना और संगठन हमेशा सच की आवाज़ उठाता रहेगा। साथ ही चेताया कि नरसंहार को नकारने के बाद इसे फिर दोहराया जाता है। साथ ही भारत सरकार से गुहार लगाई कि वो इसे नरसंहार का दर्जा देते हुए एक बिल संसद में पास करे।
Press Release
— India 4 Kashmir (@i4Kashmir) March 30, 2022
India 4 Kashmir condemns Delhi CM Arvind Kejriwal’s insensitive remarks & gross mockery of the Kashmiri Hindu Genocide!#GetWellSoonKejriwal pic.twitter.com/dMuiLc9NqI
विरोध प्रदर्शन में शामिल लोग ‘कुछ काटे गए कुछ जलाए गए, अपने घर से भगाए गए’ और ‘गिरिजा/टपलू जी पर हँसने वालों, शर्म करो-शर्म करो’ जैसे नारे भी लगा रहे थे। साथ ही ‘जिस कश्मीर को खून से सिंचा, वो कश्मीर हमारा है’ जैसे नारे भी लगे। साक्षी मट्टू ने कहा कि ये विरोध प्रदर्शन सिर्फ एक संगठन का नहीं है, बल्कि कश्मीरी पंडित समुदाय और सिविल सोसाइटी के लोग इकट्ठे हुए हैं। विरोध प्रदर्शन में लोगों ने राखी बिड़ला की तस्वीर भी लगाई हुई थी, जो सदन में अरविंद केजरीवाल के पीछे बैठ कर ठहाके लगा रही थीं।