महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक आजकल अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। क्रूज ड्रग्स केस में आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद से शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जब उन्होंने ड्रग्स की बात न की हो। अब उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत के आजादी वाले बयान को भी ड्रग्स से ही जोड़ दिया है। साथ ही उनसे पद्मश्री वापस लेने और उनकी गिरफ्तारी की भी डिमांड केंद्र सरकार से की है।
मलिक ने कहा है, “हम अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। केंद्र को उनसे पद्मश्री वापस लेना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए।” उन्होंने कहा, “मोहतरमा मलाणा क्रीम लेकर ज़्यादा बोल रही हैं। मलाणा क्रीम (हशीश- एक विशेष किस्म की ड्रग्स, जो हिमाचल में उगती है) का डोज ज्यादा हो गया है इसलिए उल-जुलूल की बातें कर रहीं हैं। हम माँग करते हैं कि केंद्र सरकार कंगना रनौत का पद्मश्री वापस ले।”
“Looks like Kangana Ranaut took a heavy dose of Malana Cream (a particular variety of hashish which grows specifically in HP) before making such a statement,” Maharastra Minister Nawab Malik added while reacting to actress’ statement that ‘India got freedom in 2014’
— ANI (@ANI) November 12, 2021
नवाब मलिक के साथ ही कई पार्टियों के नेता भी कंगना के इस बयान को लेकर उनकी आलोचना कर चुके हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति मेनन मुंबई पुलिस से शिकायत कर इस मामले में FIR दर्ज करने की माँग कर चुकी हैं। कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने कंगना रनौत को मानसिक बीमार की संज्ञा दी थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्बोधित कर ट्वीट किया था, “मोदी सरकार ने मानसिक बीमार कंगना रनौत को पद्मश्री देकर संविधान, जनतंत्र और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। पद्मश्री छीनकर इस पागल को गिरफ़्तार किया जाए।”
वहीं शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने, जितना खून, बलिदान बहाया, झांसी की रानी को लेकर, सब बेकार हैं, सिर्फ मालिक खुश होने चाहिए।” सांसद वरुण गाँधी ने भी कंगना के बयान पर अपनी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था, “कभी महात्मा गाँधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पांडेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह?” कंगना रनौत ने भी इस पर पलटवार किया था। बता दें कि कंगना रनौत पर आरोप है कि उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि 1947 में जो आज़ादी मिली वो भीख थी, देश को असली स्वतंत्रता तो 2014 में मिली।