Sunday, November 17, 2024
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रुपए भर की सिगरेट के लिए जब नेहरू ने फूँकवा दिए थे हजारों: किस्सा भोपाल-इंदौर और हवाई जहाज का

नेहरू भोपाल में थे, उनकी पसंदीदा 555 सिगरेट इंदौर में। वैसे पीने वाले मजबूरी में बीड़ी या ठर्रा से भी काम चला लेते हैं लेकिन नेहरू अलग थे। हवाई जहाज उड़ा, इंदौर गया, 555 सिगरेट लिया और भोपाल लौटा।

पंडित जवाहरलाल नेहरू को कई कारणों से याद किया जा सकता है। आप उन्हें भारत के पहले प्रधानमंत्री, या भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री (इंदिरा गाँधी) के पिता या स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद कर सकते हैं। नेहरू को ऐसे व्यक्ति के रूप में भी याद किया जा सकता है, जो सेना या दूरदर्शिता के महत्व को स्वीकार नहीं करते थे। या फिर भारत में होने वाली हर अच्छी चीज के लिए जिम्मेदार (कम से कम कॉन्ग्रेस ऐसा ही सोचती है!)।

नेहरू के जीवन और उनसे जुड़ी कहानियों के इतने पहलू थे कि हर बार, एक दिलचस्प किस्सा सामने आएगा… जो या तो आपको चौंका देगा या विस्मित कर देगा।

ऐसा ही एक किस्सा सिगरेट के प्रति उनके प्यार के बारे में है। अनगिनत तस्वीरों में वह धूम्रपान करते हुए दिखाई देते हैं। निष्पक्ष होने के लिए, उनके समय में, धूम्रपान को स्टेटस सिंबल या ‘कूल’ दिखने का एक तरीका माना जाता था, लेकिन यह एक बुरा नशा है, जिससे छुटकारा पाना मुश्किल है। अगर उस दौरान लोगों को तम्बाकू के दुष्परिणामों का पता चल जाता, तो शायद मुकेश जिंदा होता

नेहरू और सिगरेट ब्रांड 555

पूर्व पीएम नेहरू के बारे में एक कहानी है, जो आज भी किसी को भी लुभा सकती है। भोपाल की अपनी एक यात्रा पर, वह राजभवन में रुकने वाले थे। हालाँकि, कर्मचारियों को पता चला कि उनका पसंदीदा सिगरेट ब्रांड राजभवन में उपलब्ध नहीं है। यह वास्तव में, भोपाल में उपलब्ध नहीं था, और नेहरू अपने भोजन के बाद एक सिगरेट पीने के शौकीन थे।

आम तौर पर, लोगों को लगेगा कि राज भवन के कर्मचारियों ने उनके लिए कोई दूसरा ब्रांड पेश किया होगा। लेकिन नहीं! मध्य प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक उनकी पसंदीदा सिगरेट का स्टॉक इंदौर से एयरलिफ्ट किया गया!

मध्य प्रदेश राजभवन के वेबसाइट से साभार

जानकारी के मुताबिक किसी को ‘555’ ब्रांड की सिगरेट के कुछ पैकेट इंदौर एयरपोर्ट से लाने का काम दिया गया था। एक विमान ने पैकेज प्राप्त करने के लिए भोपाल से इंदौर के लिए उड़ान भरी, सिगरेट एकत्र की और वापस उड़ान भरी।

वैसे नेहरू-गाँधी परिवार के अपने निजी सुखों के लिए राष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग करने का प्यार पीढ़ियों से चला आ रहा है। उनके पोते राजीव गाँधी, भारत के प्रधानमंत्री के रूप में, INS विराट का निजी टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करते थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी 1987 में नए साल का जश्न मनाने के लिए अपने पूरे परिवार और खास मित्रों के साथ एक लक्षद्वीप गए थे। इस दौरान उनके इटालियन ससुराल वाले भी मौजूद थे।

मेहमानों की सूची में राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गाँधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, उनकी विधवा माँ आर. मैनो, उनके भाई और एक मामा शामिल थे। साथ ही पूर्व सांसद अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया और उनके बच्चे अभिषेक और श्वेता भी मौजूद थे। INS विराट को देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था, लेकिन उसे गाँधी परिवार को छुट्टी मनाने के लिए ले जाने के लिए भेजा गया।

इतना ही नहीं, उनकी छुट्टी के लिए सभी सुविधाओं को व्यवस्थित करने के लिए सरकारी कर्मचारियों और नौसेना के सैनिकों को तैनात किया गया था। सेना के एक विशेष हेलीकॉप्टर को उनकी सेवा में 24×7 तैनात की गई थी, पूरा प्रशासन राजीव गाँधी के निजी मेहमानों के मनोरंजन की व्यवस्था देख रहा था। आप हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बारे में अधिक जानकारी यहाँ हमारे आर्काइव में देख सकते हैं।

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Anurag
Anuraghttps://lekhakanurag.com
B.Sc. Multimedia, a journalist by profession.

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