Saturday, December 21, 2024
Homeराजनीतिजहाँ कभी थी ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम की स्टैच्यू, वहाँ अब नेताजी बोस की...

जहाँ कभी थी ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम की स्टैच्यू, वहाँ अब नेताजी बोस की भव्य प्रतिमा: ‘पराक्रम दिवस’ पर PM मोदी ने किया अनावरण

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नेताजी को याद करते हुए लिखा, "नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर भारत कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता है। उनके आदर्श और बलिदान हर भारतीय को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।"

आज (23 जनवरी को) नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है और इसे पराक्रम दिवस के रूप में मनाते हुए उन्हें उन्हें याद किया जा रहा है। नेताजी की जयंती के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह की आधिकारिक शुरुआत भी हो गई। नेताजी की जयंती पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया।

नेता जी की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जनवरी को की थी। इसकी घोषणा करते हुए उन्होंने लिखा था, “जब तक नेताजी की भव्य प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक उस स्थान पर उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा वहाँ लगाई जाएगी। मैं 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर इस होलोग्राम प्रतिमा का लोकार्पण करूँगा।”

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट की प्रतिमा की ऊँचाई 28 फिट और चौड़ाई 6 फिट होगी। यह प्रतिमा उसी जगह स्थापित की जाएगी, जहाँ 1968 में हटाई गई किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा थी। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक नेताजी सुभाष की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2023 के सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार प्रदान करेंगे। इन इनामों में किसी संस्थान को 51 लाख रुपए और व्यक्ति को 5 लाख रुपए और प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। साथ ही नेताजी की जयंती को हर साल ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नेताजी को याद करते हुए लिखा, “नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर भारत कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता है। उनके आदर्श और बलिदान हर भारतीय को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।”

नेताजी बोस की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा

महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए और साल भर चलने वाले समारोह के हिस्से के रूप में सरकार ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक भव्य प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया है। ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा हमारे स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान को ध्यान में रखते हुए सही मायनों में एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी, और इसके साथ ही यह प्रतिमा नेताजी के प्रति देश के ऋणी होने का प्रतीक भी होगी।

प्रतिमा का काम पूरा होने तक नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा ठीक उसी स्थान पर लगाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार (23 जनवरी, 2022) को सायं लगभग 6 बजे इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। इस होलोग्राम प्रतिमा को 30,000 लुमेन 4के प्रोजेक्टर द्वारा संचालित किया जाएगा। एक अदृश्य, हाई गेन, 90% पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन इस तरह से लगाई गई है कि यह आगंतुकों को नजर नहीं आ रही है। होलोग्राम का सटीक प्रभाव उत्‍पन्‍न करने के लिए उस पर नेताजी की थ्रीडी तस्वीर लगाई जाएगी। होलोग्राम प्रतिमा 28 फीट ऊँची और 6 फीट चौड़ी है।

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार’ भी अलंकरण समारोह में प्रदान किए। समारोह के दौरान कुल मिलाकर सात पुरस्कार प्रदान किए गए। केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में विभिन्‍न लोगों और संगठनों द्वारा प्रदान किए गए अमूल्य योगदान एवं नि:स्वार्थ सेवा की सराहना और सम्मानित करने के लिए वार्षिक सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की शुरुआत की है।

हर साल 23 जनवरी को इस पुरस्कार की घोषणा की जाती है। इस पुरस्कार के तहत किसी संस्था को 51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार एवं एक प्रमाण पत्र और किसी व्यक्ति को 5 लाख रुपए एवं एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। प्रधानमंत्री स्वतंत्रता सेनानियों को उचित तरीके से सम्मानित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं। इन प्रयासों के तहत विशेष रूप से ध्यान महान स्वतंत्रता सेनानी और दूरदर्शी नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर रहा है। इस संबंध में कई कदम उठाए गए हैं जिनमें यह घोषणा भी शामिल है कि हर साल उनकी जयंती ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाई जाएगी। इसी उत्‍कृष्‍ट भावना को ध्यान में रखते हुए गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत एक दिन पहले यानी 23 जनवरी से की जाएगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘शायद शिव जी का भी खतना…’ : महादेव का अपमान करने वाले DU प्रोफेसर को अदालत से झटका, कोर्ट ने FIR रद्द करने से...

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को ले कर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले एक प्रोफेसर को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है।

43 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री ने कुवैत में रखा कदम: रामायण-महाभारत का अरबी अनुवाद करने वाले लेखक PM मोदी से मिले, 101 साल...

पीएम नरेन्द्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुँचे। यहाँ उन्होंने 101 वर्षीय पूर्व राजनयिक मंगल सेन हांडा से मुलाकात की।
- विज्ञापन -