आज (23 जनवरी को) नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है और इसे पराक्रम दिवस के रूप में मनाते हुए उन्हें उन्हें याद किया जा रहा है। नेताजी की जयंती के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह की आधिकारिक शुरुआत भी हो गई। नेताजी की जयंती पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया।
Prime Minister @narendramodi unveils the hologram statue of Netaji Subhas Chandra Bose at India Gate on his 125th birth anniversary#ParakramDiwas pic.twitter.com/gqMIDNm4pJ
— PIB India (@PIB_India) January 23, 2022
नेता जी की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जनवरी को की थी। इसकी घोषणा करते हुए उन्होंने लिखा था, “जब तक नेताजी की भव्य प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक उस स्थान पर उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा वहाँ लगाई जाएगी। मैं 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर इस होलोग्राम प्रतिमा का लोकार्पण करूँगा।”
Till the grand statue of Netaji Bose is completed, a hologram statue of his would be present at the same place. I will unveil the hologram statue on 23rd January, Netaji’s birth anniversary. pic.twitter.com/jsxFJwEkSJ
— Narendra Modi (@narendramodi) January 21, 2022
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट की प्रतिमा की ऊँचाई 28 फिट और चौड़ाई 6 फिट होगी। यह प्रतिमा उसी जगह स्थापित की जाएगी, जहाँ 1968 में हटाई गई किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा थी। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक नेताजी सुभाष की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2023 के सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार प्रदान करेंगे। इन इनामों में किसी संस्थान को 51 लाख रुपए और व्यक्ति को 5 लाख रुपए और प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। साथ ही नेताजी की जयंती को हर साल ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
India gratefully pays homage to Netaji Subhas Chandra Bose on his 125th birth anniversary. The daring steps that he took to fulfil his fierce commitment to the idea of a free India — Azad Hind — make him a national icon. His ideals and sacrifice will forever inspire every Indian.
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 23, 2022
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नेताजी को याद करते हुए लिखा, “नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर भारत कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता है। उनके आदर्श और बलिदान हर भारतीय को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।”
नेताजी बोस की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा
महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए और साल भर चलने वाले समारोह के हिस्से के रूप में सरकार ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक भव्य प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया है। ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा हमारे स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान को ध्यान में रखते हुए सही मायनों में एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी, और इसके साथ ही यह प्रतिमा नेताजी के प्रति देश के ऋणी होने का प्रतीक भी होगी।
प्रतिमा का काम पूरा होने तक नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा ठीक उसी स्थान पर लगाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार (23 जनवरी, 2022) को सायं लगभग 6 बजे इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। इस होलोग्राम प्रतिमा को 30,000 लुमेन 4के प्रोजेक्टर द्वारा संचालित किया जाएगा। एक अदृश्य, हाई गेन, 90% पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन इस तरह से लगाई गई है कि यह आगंतुकों को नजर नहीं आ रही है। होलोग्राम का सटीक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए उस पर नेताजी की थ्रीडी तस्वीर लगाई जाएगी। होलोग्राम प्रतिमा 28 फीट ऊँची और 6 फीट चौड़ी है।
सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार’ भी अलंकरण समारोह में प्रदान किए। समारोह के दौरान कुल मिलाकर सात पुरस्कार प्रदान किए गए। केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में विभिन्न लोगों और संगठनों द्वारा प्रदान किए गए अमूल्य योगदान एवं नि:स्वार्थ सेवा की सराहना और सम्मानित करने के लिए वार्षिक सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की शुरुआत की है।
हर साल 23 जनवरी को इस पुरस्कार की घोषणा की जाती है। इस पुरस्कार के तहत किसी संस्था को 51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार एवं एक प्रमाण पत्र और किसी व्यक्ति को 5 लाख रुपए एवं एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। प्रधानमंत्री स्वतंत्रता सेनानियों को उचित तरीके से सम्मानित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं। इन प्रयासों के तहत विशेष रूप से ध्यान महान स्वतंत्रता सेनानी और दूरदर्शी नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर रहा है। इस संबंध में कई कदम उठाए गए हैं जिनमें यह घोषणा भी शामिल है कि हर साल उनकी जयंती ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाई जाएगी। इसी उत्कृष्ट भावना को ध्यान में रखते हुए गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत एक दिन पहले यानी 23 जनवरी से की जाएगी।