वामपंथी प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ को मिली चीनी फंडिंग को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स ने खुलासा किया था। इस खुलासे के बाद सोमवार (7 अगस्त, 2023) को लोकसभा में भी यह मुद्दा उठा। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ‘न्यूजक्लिक’ को देशद्रोही और टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा बताया। साथ ही कॉन्ग्रेस को चीन से मिली फंडिंग की जाँच तथा कॉन्ग्रेस के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की माँग की।
निशिकांत दुबे ने कहा है, “राहुल गाँधी की नफरत की दुकान पर चीनी समान बेचा जा रहा है। आज मैं एक सीरियस मुद्दा उठाना चाहता हूँ। न्यूयॉर्क टाइम्स में एक रिपोर्ट छपी है कि ‘न्यूजक्लिक’ जैसी संस्था को 38 करोड़ रुपए मिले हैं। इस रिपोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जो खुलासा किया था वही बताया गया है। ‘न्यूजक्लिक’ देशद्रोही गैंग, टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा है। यह भारत को खण्डित करना चाहता है। पुरकायस्थ इसका मालिक है। उसको पैसे कहाँ-कहाँ से मिले, नक्सलियों को कैसे दिए गए, कैसे माओवादियों को दिए गए।”
BJP MP Nishikant Dubey raises the issue of Chinese financing of leftist propaganda outlet #Newsclick in Parliament, names Abhisar Sharma, Swati Chaturvedi and Rohini Singh pic.twitter.com/SDQxdLwunH
— OpIndia.com (@OpIndia_com) August 7, 2023
उन्होंने यह भी कहा है, “शर्मा (अभिसार), रोहिणी सिंह और स्वाति चतुर्वेदी जैसे लोगों को केवल भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए चीन पैसा दे रहा है। 2005 से लेकर 2014 तक चीनी सरकार ने कॉन्ग्रेस को पैसा दिया, जिसका FCRA लाइसेंस भारत सरकार ने कैंसिल किया। जब 2008 में ओलंपिक हुआ तो सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को बुलाया गया। 2017 में जब डोकलाम में विवाद मचा हुआ था, तब ये लोग चीन से बातचीत कर रहे थे। तिब्बत के बाद ‘हिंदी चीनी भाई-भाई’ वाली नेहरू की जो नीति थी उस नीति को कॉन्ग्रेस निभाना चाहती है। ये भारत का विभाजन करना चाहते हैं।”
निशिकांत दुबे ने आगे कहा है, “कॉन्ग्रेस चीन के साथ मिलकर भारत को तहस नहस करना चाहती है। सोशल मीडिया के माध्यम से पत्रकारों के माध्यम से और चीन के माध्यम से देश में अलग तरह का माहौल बनाना चाहती है। मेरा भारत सरकार से आग्रह है कि कॉन्ग्रेस को चीन से जितनी भी फंडिंग मिली है उसकी जाँच होनी चाहिए और इसमें जितने भी लोग शामिल हैं उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाए। साथ ही कॉन्ग्रेस पार्टी पर चुनाव लड़ने से रोक लगाई जाए।”
चीन के पैसे से चलता है वामपंथी प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’
अमेरिकी अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में शनिवार (5 अगस्त, 2023) को एक लेख प्रकाशित हुआ। इस लेख में अमेरिकी व्यवसायी के साथ चीनी सरकार के संबंध और ‘न्यूजक्लिक’ नामक वामपंथी प्रोपेगेंडा पोर्टल को मिल रही फंडिंग को लेकर खुलासा किया गया।
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार, “यह बहुत कम लोगों को पता है कि गैर-लाभकारी संगठनों और शैल कंपनियों की आड़ में नेविल रॉय सिंघम चीन के सरकारी मीडिया के साथ मिलकर काम करता है और चीन के प्रोपेगेंडा को दुनिया भर में फैलाने के लिए फंडिंग कर रहा है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने लेख में कहा है कि नेविल रॉय सिंघम भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में प्रगतिशील होने की वकालत करने के बहाने चीनी सरकार के मुद्दों को लोगों के बीच फैलाने में कामयाब रहा है।
नेविल रॉय सिंघम के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के साथ मजबूत संबंध हैं। वह चीन की ‘स्मोक लेस’ वार नीति को सफल बनाने में सबसे आगे रहा है। ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपने लेख में यह भी कहा है, “चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने शासन काल में सरकारी मीडिया तंत्र का तेजी विस्तार किया है। इसके लिए चीन ने विदेशी मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर वहाँ के प्रभावशाली लोगों को अपने प्रचार तंत्र में शामिल किया है। इसका उद्देश्य मुख्य रूप से चीनी प्रोपेगेंडा को स्वतंत्र मीडिया सामग्री के रूप में दिखाना है।”
NYT ने यह भी कहा है, “इसका यह नतीजा सामने आ रहा है कि धुर वामपंथी संगठन उभर रहे हैं। ये संगठन चीनी सरकार की बातों को दोहराते हैं या इनके विचार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से मेल खाते हैं। यही नहीं चीन का सरकारी मीडिया भी इन संगठनों की बात करता दिखाई देता है।” अपनी जाँच में, न्यूयॉर्क टाइम्स ने पाया है कि नेविल रॉय सिंघम ने भारत में स्थित ‘न्यूजक्लिक’ नामक वामपंथी प्रोपेगेंडा पोर्टल को भी फंडिंग की है। अमेरिकी अखबार ने पाया है कि न्यूजक्लिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुद्दों पर बात करता दिखाई दिया है।
नई दिल्ली स्थित कॉर्पोरेट फाइलिंग से भी पता चलता है कि नेविल रॉय सिंघम के नेटवर्क ने प्रोपेगेंडा पोर्टल न्यूज़क्लिक को फंडिंग की थी। इसके तहत न्यूजक्लिक ने अपनी कवरेज को चीनी सरकार के मुद्दों से जोड़ते हुए एक वीडियो में कहा था, “चीन का इतिहास श्रमिक वर्गों को प्रेरित करता रहा है।”