बिहार में जदयू और राजद के गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसके संकेत लगातार मिल रहे हैं। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार राज्य की गठबंधन सरकार में शामिल राजद को सरकार के किसी भी काम का क्रेडिट देने से परहेज कर रहे हैं। बड़े कार्यक्रमों के पोस्टरों से तेजस्वी यादव गायब हैं। उनमें सिर्फ नीतीश कुमार ही दिख रहे हैं। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने अब लालू-राबड़ी के दौर की सरकार की बखिया उधेड़ी है, वह भी तेजस्वी यादव के सामने।
बिहार की राजधानी पटना के गाँधी मैदान में 13 जनवरी 2024 को शिक्षकों की नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने 1990 से लेकर 2005 तक बिहार की सत्ता पर काबिज रहे लालू यादव और राबड़ी देवी सरकार की कमियाँ गिनवाई। इस कार्यक्रम में बिहार में शिक्षक भर्ती में सफल हुए 96 हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जाना था।
उन्होंने लालू और राबड़ी के नेतृत्व वाली सरकार की विफलताओं को गिनवाते हुए कहा कि जब वह 2005 में मुख्यमंत्री बने थे तब बिहार में 12.5% बच्चे स्कूल नहीं जाते थे। इसके लिए उन्होंने टोला सेवक और तालीमी मरकज की नियुक्ति की। बिहार सरकार द्वारा नियुक्त ये लोग स्कूल ना जाने वाले बच्चों के अभिभावकों से बात करके उन्हें स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करते थे।
नीतीश कुमार ने इस बयान के जरिए तेजस्वी के सामने ही उनकी पार्टी की सरकार की विफलता गिनाने की कोशिश की। वहीं, इस कार्यक्रम के लिए लगाए पोस्टरों में भी तेजस्वी तेजस्वी यादव की फोटो नदारद रही। यहाँ तक कि राज्य के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य कर रहे राजद विधायक चन्द्रशेखर यादव का नाम तक नहीं लिखा गया।
पोस्टर के ऊपर स्लोगन में सिर्फ नीतीश कुमार का ही जिक्र किया गया था। स्लोगन में लिखा था, “रोजगार मतलब नीतीश सरकार।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो फोटो इस आयोजन की साझा की थीं, उनमें भी तेजस्वी यादव हाशिए में दिख रहे हैं। इस फोटो में सारा फोकस नीतीश पर ही है।
शिक्षक भर्ती परीक्षा के द्वितीय चरण में चयनित शिक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में शामिल हुआ। पटना के गांधी मैदान में आयोजित इस समारोह में कुल 96 हजार 823 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है। प्रथम चरण में 2 नवंबर, 2023 को 1 लाख 20 हजार 336 शिक्षकों की… pic.twitter.com/d0Cq6JXHlN
— Nitish Kumar (@NitishKumar) January 13, 2024
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से तेजस्वी यादव बिहार में हुई शिक्षक भर्ती का खूब प्रचार प्रसार कर रहे हैं। राजद समर्थक इसका सारा क्रेडिट तेजस्वी को देने में लगे हैं। तेजस्वी भी शिक्षा और पुलिस विभाग में हुई भर्तियों को गठबंधन सरकार की सफलता के रूप में पेश कर रहे थे। हालाँकि, नीतीश कुमार ने अपने पोस्टर बैनर में मात्र अपना ही नाम छपवाया है।
उधर INDI गठबंधन के तहत सीट बँटवारा भी दोनों पार्टियों के बीच समस्या बन सकता है। बिहार की कुल 42 सीट में से कॉन्ग्रेस 10 सीट चाहती है, जबकि कम्युनिस्ट पार्टी भी कुछ सीटों पर दावा कर रही है। नीतीश कुमार अपनी 16 सीट को बनाए रखना चाहेंगे। राजद भी इसी संख्या में सीट चाहती है। ऐसे में इन पार्टियों के बीच विवाद की स्थिति जल्दी नहीं सुलझने वाली है।