Wednesday, May 1, 2024
Homeराजनीतिबिहार के महागबंधन में ठीक नहीं है सब कुछ: तेजस्वी के सामने CM नीतीश...

बिहार के महागबंधन में ठीक नहीं है सब कुछ: तेजस्वी के सामने CM नीतीश ने लालू-राबड़ी शासन की गिनवाई खामियाँ, हाशिए पर दिखे DyCM

बिहार में जदयू और राजद के गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसके संकेत लगातार मिल रहे हैं। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार राज्य की गठबंधन सरकार में शामिल राजद को सरकार के किसी भी काम का क्रेडिट देने से परहेज कर रहे हैं। बड़े कार्यक्रमों के पोस्टरों से तेजस्वी यादव गायब हैं।

बिहार में जदयू और राजद के गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसके संकेत लगातार मिल रहे हैं। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार राज्य की गठबंधन सरकार में शामिल राजद को सरकार के किसी भी काम का क्रेडिट देने से परहेज कर रहे हैं। बड़े कार्यक्रमों के पोस्टरों से तेजस्वी यादव गायब हैं। उनमें सिर्फ नीतीश कुमार ही दिख रहे हैं। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने अब लालू-राबड़ी के दौर की सरकार की बखिया उधेड़ी है, वह भी तेजस्वी यादव के सामने।

बिहार की राजधानी पटना के गाँधी मैदान में 13 जनवरी 2024 को शिक्षकों की नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने 1990 से लेकर 2005 तक बिहार की सत्ता पर काबिज रहे लालू यादव और राबड़ी देवी सरकार की कमियाँ गिनवाई। इस कार्यक्रम में बिहार में शिक्षक भर्ती में सफल हुए 96 हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जाना था।

उन्होंने लालू और राबड़ी के नेतृत्व वाली सरकार की विफलताओं को गिनवाते हुए कहा कि जब वह 2005 में मुख्यमंत्री बने थे तब बिहार में 12.5% बच्चे स्कूल नहीं जाते थे। इसके लिए उन्होंने टोला सेवक और तालीमी मरकज की नियुक्ति की। बिहार सरकार द्वारा नियुक्त ये लोग स्कूल ना जाने वाले बच्चों के अभिभावकों से बात करके उन्हें स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करते थे।

नीतीश कुमार ने इस बयान के जरिए तेजस्वी के सामने ही उनकी पार्टी की सरकार की विफलता गिनाने की कोशिश की। वहीं, इस कार्यक्रम के लिए लगाए पोस्टरों में भी तेजस्वी तेजस्वी यादव की फोटो नदारद रही। यहाँ तक कि राज्य के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य कर रहे राजद विधायक चन्द्रशेखर यादव का नाम तक नहीं लिखा गया।

पोस्टर के ऊपर स्लोगन में सिर्फ नीतीश कुमार का ही जिक्र किया गया था। स्लोगन में लिखा था, “रोजगार मतलब नीतीश सरकार।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो फोटो इस आयोजन की साझा की थीं, उनमें भी तेजस्वी यादव हाशिए में दिख रहे हैं। इस फोटो में सारा फोकस नीतीश पर ही है।

पोस्टर में नीतीश ही नितीश, तेजस्वी गायब
पोस्टर में नीतीश ही नीतीश, तेजस्वी गायब

गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से तेजस्वी यादव बिहार में हुई शिक्षक भर्ती का खूब प्रचार प्रसार कर रहे हैं। राजद समर्थक इसका सारा क्रेडिट तेजस्वी को देने में लगे हैं। तेजस्वी भी शिक्षा और पुलिस विभाग में हुई भर्तियों को गठबंधन सरकार की सफलता के रूप में पेश कर रहे थे। हालाँकि, नीतीश कुमार ने अपने पोस्टर बैनर में मात्र अपना ही नाम छपवाया है।

उधर INDI गठबंधन के तहत सीट बँटवारा भी दोनों पार्टियों के बीच समस्या बन सकता है। बिहार की कुल 42 सीट में से कॉन्ग्रेस 10 सीट चाहती है, जबकि कम्युनिस्ट पार्टी भी कुछ सीटों पर दावा कर रही है। नीतीश कुमार अपनी 16 सीट को बनाए रखना चाहेंगे। राजद भी इसी संख्या में सीट चाहती है। ऐसे में इन पार्टियों के बीच विवाद की स्थिति जल्दी नहीं सुलझने वाली है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मनोज तिवारी-रवि किशन के गाने शेयर करने वाले राज बब्बर के बलात्कार वाले दृश्यों पर चुप: कॉन्ग्रेस ने गुरुग्राम से बनाया है उम्मीदवार, PM...

एक तो ऐसा दृश्य है जिसमें राज बब्बर सूट-बूट में कुर्सी पर बैठे हुए हैं और एक लड़की को एक-एक कर अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर कर रहे हैं। मनोज तिवारी और रवि किशन के गानों से नेहा सिंह राठौड़ को आपत्ति है, लेकिन राज बब्बर के दृश्यों को लेकर उन्होंने चूँ तक नहीं किया।

जिंदा होते चंदा बाबू तो तेजाब से भी तेज उन्हें गलाता ज्ञानेश्वर की थेथरई, आतंकी की बेवा के लिए बिछने वाले को पत्रकार क्यों...

अपने आपको पत्रकार कहने वाले ज्ञानेश्वर ने शहाबुद्दीन का जिस तरह से महिमामंडन किया है उसे अगर चंदाबाबू देखते तो शायद उनके दुख की सीमा नहीं होती।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -