बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स के दौरान राहुल गाँधी के फ़ैसलों पर जोरदार हमला किया है। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि राहुल भले ही भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हों, लेकिन बिहार में लालू यादव के मामले में उन्होंने चुप्पी साध ली था। यही नहीं उन्होंने अपने कॉन्फ़्रेन्स में यह भी कहा कि राहुल गाँधी राफ़ेल डील मामले पर खूब बोलते हैं, लेकिन नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चौकसी के मामले में कॉन्ग्रेस का सारा किया धरा हमारे सामने है। नीतीश कुमार ने आगे यह भी पूछा कि बिहार में जब राजद के लोग सरकार में रहकर प्रशासन को प्रभावित कर रहे थे तब राहुल गाँधी कहाँ गए थे?
नीतीश ने गठबंधन पर भी बयान दिया
मुख्यमंत्री ने अपने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स के दौरान राजद, कॉन्ग्रेस व जदयू गठबंधन सरकार पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि तेजस्वी यादव के भ्रष्टाचार मामले में राहुल गाँधी के अक्षमता की वजह से उन्होंने सरकार से अलग होने का फ़ैसला लिया था। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में कॉन्ग्रेस को 40 सीट दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन इसके बावजूद राहुल गाँधी ने भ्रष्टाचार के मामले में कुछ भी नहीं बोला, यही नहीं राहुल ने इस मामले में नीतीश से मिलकर बात करना भी उचित नहीं समझा। नीतिश ने कहा कि राहुल ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा जिससे कि में गठबंधन में रहने या गठबंधन से अलग होने के बारे में दुबारा विचार कर सकूँ।
कुछ असहमतियों के बावजूद हम साथ हैं
नीतीश कुमार ने अपने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स के दौरान यह भी कहा कि अयोध्या, धारा 370 व यूनिफॉर्म सीविल कोड आदि के मामले में हमारे बीच असहमति है, लेकिन इसके बावजूद हम दोनों पार्टी एक साथ हैं। नीतीश ने आगे यह भी कहा कि 1999 में भाजपा-जेडीयू ने मिलकर नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) बनाई है, काफ़ी हद तक हम एक दूसरे को कॉपरेट भी करते रहे हैं। प्रेस कॉन्फ़्रेन्स के दौरान नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि अमित शाह के कहने पर ही उन्होंने प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल किया था।