बिहार में एक बार फिर से जदयू-राजद की सरकार के लिए समीकरण सेट हो गए हैं। भाजपा कोटे के सभी 16 मंत्री जल्द ही इस्तीफे देंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार (9 अगस्त, 2022) की दोपहर राज्यपाल फागू चौहान से मिलने का समय माँगा था, तभी तस्वीर साफ़ हो गई थी। तेजस्वी यादव के साथ उनकी बैठक भी होने वाली है, जिसमें गठबंधन सरकार के समीकरण पर चर्चा होगी। राजद बिहार विधानसभा की सबसे बड़ी पार्टी है।
कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ेंगे और तेजस्वी यादव को उप-मुख्यमंत्री का पद देते हुए गृह विभाग भी दिया जा सकता है। भाजपा ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। हालाँकि, केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह की नीतीश कुमार से फोन कॉल पर बातचीत की खबर भी सामने आई थी। वामपंथी दलों ने पहले ही जदयू-राजद गठबंधन को समर्थन देने का ऐलान कर रखा है।
सोनिया गाँधी से नीतीश कुमार की बातचीत के बाद ये भी साफ़ हो गया है कि इस सरकार में कॉन्ग्रेस भी शामिल रहेगी। मीडिया ये भी कयास लगा रही है कि नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए ताल ठोकेंगे और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद की कमान दे दी जाएगी। इस तरह से 2025 बिहार विधानसभा चुनाव सीधे तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राजद और भाजपा के बीच होगा। भाजपा के पास फ़िलहाल बिहार में कोई सर्वमान्य चेहरा नहीं है।
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— News18 India (@News18India) August 9, 2022
राज्यपाल ने 2 बजे का मिलने का समय दिया. नितीश कुमार के साथ तेजस्वी जाएंगे राजभवन.#BiharPolitics #BiharPoliticalcrisis #Mahagathbandhan #RJD #BJP #JDU #NitishKumar #TejasviYadav pic.twitter.com/lPOZT5ofOh
ये भी जानकारी सामने आई थी कि नीतीश कुमार महागठबंधन के विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपेंगे। जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनकी पार्टी को तोड़ने का षड्यंत्र हो रहा है, तभी साफ़ हो गया था कि जदयू ने भाजपा पर ये आरोप लगाया है। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के हाल के बाद नीतीश कुमार की चिंताएँ बढ़ गई थीं। RCP सिंह को जदयू से निकाला जाना एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।