पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के दौरान हिंसा पर गवर्नर सीवी आनंद बोस ने चिंता जताई है। राज्य के सभी जिलों में केंद्रीय बलों की तैनाती के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने कहा है कि अब बातें नहीं होंगी। केवल ठोस एक्शन दिखेगा। इससे पहले राजभवन ने एक बयान जारी कर कहा था कि जिस तरह से नामांकन केंद्रों पर हिंसा हो रही है, मीडिया को निशाना बनाया जा रहा है, वह लोकतंत्र पर हमला है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होने हैं। उससे पहले कई हिंसक घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। इसको लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में गवर्नर ने कहा है कि अब ऐसी घटनाओं पर कोई बयान नहीं दिया जाएगा। प्रशासन केवल एक्शन लेगा। ठोस और प्रभावी कार्रवाई देखने को मिलेगा।
#WATCH | Kolkata | "No words, only action. Wait and watch. You will see effective action, concrete action. That is all I can say now," says West Bengal Governor CV Ananda Bose when asked about violence during the filing of nomination for panchayat election in the state pic.twitter.com/yArlRSts0n
— ANI (@ANI) June 15, 2023
इससे पहले राजभवन ने एक बयान जारी कर कहा था कि चुनावों का फैसला वोटों की गिनती से होनी चाहिए न कि लाशों की गिनती से। बयान में कहा गया है, “बंगाल में चुनाव से पहले मृतकों की बढ़ती संख्या हैरान करने वाली है। विडंबना यह है कि मीडिया भी गुंडों के निशाने पर है। चुनाव में जीत वोटों की गिनती पर निर्भर होनी चाहिए, न कि लाशों की गिनती पर। गुंडों, मवालियों, बाहुबलियों तथा अहंकार, लालच और घृणा के राक्षसों को मनमानी की अनुमति नहीं दी जा सकती है।”
राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मीडिया पर हमले का मतलब है कि संविधान, लोकतंत्र, आम आदमी व नई पीढ़ी पर हमला हो रहा है। लोकतंत्र में जनता ही मालिक है। बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग करना उनका अधिकार है। लोकतांत्रिक चुनावों में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। हर हाल में इस हिंसा को खत्म कर पंचायत चुनाव कराया जाएगा।
Shocked to hear that the death toll in pre-election in Bengal is increasing. It is revolting that the media is also under attack by the hooligans. Victory in Elections should depend on the count of votes not the count of dead bodies…At any cost, violence will be eradicated and… pic.twitter.com/EcdMJriHWN
— ANI (@ANI) June 15, 2023
राजभवन की ओर से यह बयान कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद आया था। बयान में इसे अक्षरशः लागू करने की बात कही गई है। गुरुवार (15 अक्टूबर 2023) को कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के दौरान राज्य के सभी जिलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात करने का आदेश दिया था। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा था कि राज्य चुनाव आयोग 48 घंटे के भीतर केंद्रीय बलों के लिए केंद्र से अनुरोध करे। कोर्ट ने कहा था कि ऐसे क्षेत्रों में जहाँ केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया जाता है, वहाँ शांति और सुरक्षा राज्य पुलिस की जिम्मेदारी होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) को मतदान एजेंटों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। SEC को संवेदनशील क्षेत्रों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की माँग पर विचार करना चाहिए।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 75000 पंचायत सीटों पर होने वाले त्रिस्तरीय चुनाव में 8 जुलाई 2023 को मतदान होने हैं। चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 20 जून है। वहीं, वोटों की गिनती 11 जुलाई 2011 को होगी।
इन सबके बीच नामांकन दाखिल करने के दौरान 15 जून 2023 को राज्य में कई जगहों पर हिंसा देखने को मिली। उत्तरी दिनाजपुर जिले में चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे तीन लोगों को गोली मार दी गई। इनमें से एक की मौत हो गई है। वहीं, दो घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे पहले नामांकन के पहले दिन 9 जून, 2023 को मुर्शिदाबाद जिले में स्थानीय कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी। कॉन्ग्रेस ने आरोप लगाया था कि हत्या तृणमूल कॉन्ग्रेस ने हत्या करवाई है। इसके बाद 10 जून को टीएमसी, सीपीएम और कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इस हिंसा के बीच पुलिस ने TMC नेता बशीर मुल्ला को तमंचे के साथ गिरफ्तार किया था।