उत्तर प्रदेश में यूँ तो विधानसभा चुनाव 2022 में होना है, लेकिन अभी से ही इसकी सरगर्मी शुरू हो गई और और राज्य का सियासी पारा बढ़ाने के लिए ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार (जनवरी 12, 2021) को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के क्षेत्र आजमगढ़ में पहुँच रहे हैं, जिन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकश राजभर के साथ गठबंधन बनाने का ऐलान किया था।
ये दोनों नेता आजमगढ़ पहुँच कर मुस्लिम वोटरों का दिल जीतने की कोशिश करेंगे। कार्यक्रम भी इसी हिसाब से तय किए गए हैं। हालाँकि, इस दौरान पूर्वांचल में उनकी कोई जनसभा तो प्रस्तावित नहीं है, लेकिन वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट से आजमगढ़ जाने के लिए जौनपुर वाला रास्ता चुना गया है, जो उनकी रणनीति को बताता है। हाल ही में बिहार के चुनाव में इस तरह का जातीय-धार्मिक खेल खूब देखने को मिला था।
जैसे बिहार में उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर ओवैसी ने 5 सीटें जीतने में कामयाबी पाई थी, वैसे ही यूपी में उन्होंने ओमप्रकाश राजभर को चुना है। इस नए ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ को लेकर जनता का मन टटोलने आए ओवैसी जौनपुर, दीदारगंज, माहुल, आजमगढ़ और फूलपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कर के पूर्वांचल में अपनी धाक बढ़ाने की शुरुआत करेंगे। जौनपुर-आजमगढ़ वाला क्षेत्र मुस्लिम-यादव बहुल माना जाता है।
आजमगढ़ में हुए पिछले 15 चुनावों में से 13 बार किसी यादव उम्मीदवार ने ही बाजी मारी है और 3 बार मुस्लिम उम्मीदवार ने बाजी मारी है। अर्थात, पिछले 59 वर्षों में मात्र पूर्व क्रिकेटर संतोष सिंह ही 1984 में नॉन-मुस्लिम, नॉन-यादव उम्मीदवार थे और युवा कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। 2014 में मुलायम सिंह यादव तो 2019 में उनके बेटे अखिलेश ने चुनाव जीता। इसी तरह आजमगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भी पिछले 9 में से 8 चुनाव जीत कर सपा के दुर्गा प्रसाद यादव विधायक हैं।
जहाँ तक असदुद्दीन ओवैसी के कार्यक्रम का सवाल है, वो सड़क मार्ग से कार्यकर्ताओं से मिलते चलेंगे। रास्ते में कई जगह कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत की योजना बनाई है। दोपहर में जोहर की नमाज वह जौनपुर के मशहूर गुरैनी मदरसे की मस्जिद में पढ़ने वाले हैं। नमाज के वक़्त अच्छी-खासी भीड़ होती है, ऐसे में वो लोगों से संवाद करेंगे ही। गुरैनी मदरसा के साथ-साथ मदरसा बैतुल उलूम सरायमीर में भी कार्यक्रम तय है, जहाँ मुफ्तियों से मुलाकात होगी और साथ नमाज का कार्यक्रम भी है।
बैरिस्टर @asadowaisi कल उत्तर प्रदेश के जौनपुर और आजमगढ़ के दौरे पे होंगे pic.twitter.com/6HD4VwwacT
— AIMIM (@aimim_national) January 11, 2021
दिलचस्प बात ये है कि निगोह स्थित श्रीराम डिग्री कॉलेज में सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव की जयंती समारोह में आज अखिलेश यादव भी लोगों को सम्बोधित करेंगे, ऐसे में जौनपुर जिले में इन दोनों बड़े नेताओं के कार्यक्रम होंगे। पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी, बाबू राम पाल की राष्ट्रीय उदय पार्टी, अनिल सिंह चौहान की जनता क्रांति पार्टी और प्रेमचन्द प्रजापति की राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी अब तक ओवैसी-राजभर के गठबंधन में आ चुकी है।
इससे पहले 2016-17 में आजमगढ़ जिले के निजामाबाद थाना क्षेत्र के खोदादादपुर हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद औवैसी ने आजमगढ़ आने की कोशिश की थी, लेकिन कानून-व्यवस्था का हवाला देकर उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई थी। चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ ‘रावण’ की भीम आर्मी भी राजभर के साथ समझौता कर चुकी है, ऐसे में अब नए समीकरण बनने की सम्भावना है, जो सपा-बसपा का खेल बिगाड़ सकती है।
उधर पश्चिम बंगाल में ओवैसी को बड़ा झटका लगा है, जहाँ AIMIM के कई सदस्यों ने TMC का दामन थाम लिया। इसमें पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष एसके अब्दुल कलाम और संयोजक शेख अनवर हुसैन पाशा भी शामिल है। AIMIM नेता और उनके समर्थक पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य की उपस्थिति में TMC में शामिल हुए। इन नेताओं ने कहा कि उन्होंने ‘जहरीली हवा’ को दूर रखने के पार्टी बदली है।