उत्तर प्रदेश के अगले विधानसभा चुनावों में योगी सरकार को हराने के लिए रणनीति बननी अभी से शुरू हो गई है। हैदराबाद के नगर निगम चुनावों में भाजपा से करारी शिकस्त पाने के बाद AIMIM ने तय किया है कि वह यूपी की ओर कूच करेंगे। पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए यह घोषणा की।
उन्होंने यूपी चुनावों के लिए बताया कि उनकी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन कर रही है। उन्होंने बुधवार को पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर से मिलकर मीडिया से भी बात की। गठबंधन के लिए आम आदमी पार्टी से बातचीत का सवाल पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा, “हम दोनों (वह और ओम प्रकाश राजभर) आपके सामने बैठें हैं। हम साथ में खड़े हैं और हम उनके नेतृत्व में काम करेंगे।”
यहाँ उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी ने भी साल 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों में लड़ने का फैसला किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने हाल में ऐलान करते हुए बताया था कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
The two of us (Suheldev Bharatiya Samaj Party’s Om Prakash Rajbhar & he) are sitting before you. We stand together & we’ll work under his leadership: AIMIM Chief Asaduddin Owaisi when asked if his party will hold talks with AAP
— ANI UP (@ANINewsUP) December 16, 2020
AAP will fight Uttar Pradesh elections in 2022. pic.twitter.com/qLmirL4AcZ
ओवैसी की नजर भी यूपी विधानसभा चुनावों में इसीलिए बनी हुई है क्योंकि यहाँ काफी मुस्लिम बाहुल्य सीटें है। यही कारण है कि उन्हें अपने विस्तार की संभावनाएँ नजर आ रही हैं। इससे पहले ओवैसी अपनी किस्मत बिहार चुनाव में आजमा चुके हैं। वहाँ पहली बार में AIMIM ने 5 सीटें जीती थी। इसके अलावा मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में ओवैसी की पार्टी का वोट शेयर भी बढ़ा हुआ देखा गया था।
इसी तरह हाल में हुए गोवा के जिला पंचायत चुनावों में आम आदमी पार्टी ने भी अपनी किस्मत आजमाई थी। हालाँकि, AAP का केवल 1 सीट से खाता खुल पाया था, बाकी बहुमत भाजपा को मिला था।
बात करें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की तो उन्होंने पिछले चुनावों में भाजपा के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था। लेकिन अब पार्टी से अलग होने के बाद वह अपनी राजनीति की जमीन बचाने के लिए ओवैसी से गठबंधन कर चुके हैं। उन्होंने जनभागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया है। इसमें बाब सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी, राष्ट्रीय उदय पार्टी, राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी और जनक्रांति पार्टी शामिल है।