INX मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कॉन्ग्रेस नेता पी चिदंबरम को एक बार फिर से कोर्ट से बड़ा झटका लगा। ताजा जानकारी के अनुसार विशेष अदालत ने चिंदंबरम की याचिका पर बुधवार (नवंबर 27, 2019) को सुनवाई करते हुए एक बार फिर उसे खारिज कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने चिदंबरम के तिहाड़ जेल में रहने की अवधि को भी 11 दिसंबर तक बढ़ा दिया।
उल्लेखनीय है, इससे पहले हुई सुनवाई में भी चिदंबरम की जमानत याचिका को खारिज किया गया था। साथ ही जाँच अधिकारियों को अनुमति दी गई थी कि वे 22-23 नवम्बर तक तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ कर सकते हैं। उस दौरान भी ED ने हाईकोर्ट के सामने तर्क देते हुए कहा था कि अगर पूर्व वित्तमंत्री को जमानत मिल जाती है तो वह सबूतों को नष्ट कर सकते हैं। इसके साथ ही वह गवाहों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
Special court extends Congress leader P Chidambaram’s judicial custody till 11 December in INX money laundering case. (file pic) pic.twitter.com/5GSWmLMhGi
— ANI (@ANI) November 27, 2019
बता दें, लगभग 98 दिन हिरासत में बिताने के बाद अब पूर्व वित्त मंत्री परेशान हो चुके हैं। जिसके कारण उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जजों के सामने अपनी याचिका फिर खारिज होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की पीठ से कहा, “हाई कोर्ट ने सबूतों से छेड़छाड़ और मेरे भाग निकलने के डर से मेरी जमानत याचिक खारिज कर दी है।”
जबकि, कॉन्ग्रेस नेता के वकील कपिल सिब्बल का कहना है कि हाईकोर्ट ने चिदंबरम के ख़िलाफ़ गंभीर आरोप होने के कारण उनकी बेल याचिका खारिज की है। ऐसे में अगर अदालत की गंभीर आरोप वाली दलील स्वीकार हो जाती है तो उन्हें कभी जमानत नहीं मिलेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान चिदंबरम के लिए बहस करते हुए कपिल सिब्बल ने रंगा बिल्ला तक का उदाहरण दे डाला। उन्होंने कहा, “कोर्ट ने जब इस अपराध की गंभीरता को स्वीकार कर लिया है तो मुझे कभी जमानत नहीं मिलेगी? यह ऐसा है जैसे कि मैं कोई रंगा- बिल्ला हूँ। अगर मुझे जमानत नहीं दी जाती है तो देश को गलत संदेश जाएगा।”
यहाँ बता दें कि रंगा और बिल्ला बॉम्बे के 2 खतरनाक अपराधी थे।, जो ऑर्थर रोड से रिहा होने के बाद तुरंत दिल्ली आ गए थे और उन्होंने अगस्त 1978 में 2 किशोरों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी।