मीडिया के गिरोह विशेष ने भारत सरकार पर इजरायल की कंपनी के सॉफ्टवेयर ‘Pegasus’ के जरिए कुछ पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और सुप्रीम कोर्ट के जजों की जासूसी कराने का आरोप लगाया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी (IT) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन आरोपों का जवाब देते हुए इस तरह की रिपोर्ट्स पर संदेह जताया। उन्होंने कहा कि संसद के मॉनसून सत्र के ठीक एक दिन पहले इस तरह की खबर का आना संयोग नहीं हो सकता।
उन्होंने सोमवार (19 जुलाई, 2021) को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन विपक्ष के हंगामे के बीच उन्होंने इस मुद्दे पर जवाब दिया। अश्विनी वैष्णव ने कहा, “रविवार रात एक वेब पोर्टल पर बेहद सनसनीखेज स्टोरी चली। इस स्टोरी में बड़े-बड़े आरोप लगाए गए। संसद के मॉनसून सत्र से ठीक एक दिन पहले ये मीडिया रिपोर्ट सामने आई। यह संयोग नहीं हो सकता। इसमें जो तथ्य हैं, वो गुमराह करने वाले हैं।”
उन्होंने इन आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि डेटा का जासूसी से कोई सम्बन्ध ही नहीं है। उन्होंने आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा कि पहले भी इस तरह के आरोपों को दो बार ख़ारिज किया जा चुका है। संसद में CPI के बिनोय बिस्वास, राजद के मनोज झा और AAP के संजय सिंह सहित कुछ विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया था। राहुल गाँधी ने भी ट्वीट कर के सरकार पर तंज कसा था।
In the past, similar claims were made regarding use of Pegasus on WhatsApp. Those reports had no factual basis & were denied by all parties. Press reports of 18 July ’21 also appear to be an attempt to malign Indian democracy & its well-established institutions: Ashwini Vaishnaw
— ANI (@ANI) July 19, 2021
उधर इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर ‘Pegasus’ को बनाने वाली कंपनी NSO ग्रुप ने भारतीय वामपंथी मीडिया संस्थान ‘The Wire’ को मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दी है।कंपनी के अनुसार, ये लेख एकदम झूठे हैं और कंपनी की छवि को नुकसान पहुँचाने वाले हैं। कंपनी ने कहा कि ये लेख गलत धारणाओं पर आधारित हैं और बिना किसी सबूत के अपुष्ट बातें लिखी गई हैं। साथ ही इन्हें वास्तविकता से दूर भी बताया
वहीं केंद्र ने स्पष्ट किया है कि जो सवाल उससे पूछे जा रहे हैं, उसके जवाब सार्वजनिक रूप से लंबे समय से उपलब्ध हैं। सरकार का कहना है कि पेगासस को लेकर पहले ही जवाब दिया जा चुका है और इस कंपनी के साथ भारत सरकार के कथित संबंधों की बात करना एक दुर्भावनापूर्ण आरोप है। बता दें कि संसद में MeitY ने कहा था कि कोई भी सरकारी एजेंसी किसी भी प्रकार की जासूसी में अनधिकृत रूप से प्रतिभागी नहीं है।