Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीति'काशी की तर्ज पर अब सौराष्ट्र तमिल संगमम': PM मोदी ने 99वीं बार देश...

‘काशी की तर्ज पर अब सौराष्ट्र तमिल संगमम’: PM मोदी ने 99वीं बार देश से की ‘मन की बात’, अंगदान का महत्व समझाते हुए बोले – एक व्यक्ति के शरीर दान करने से 8-9 को नया जीवन

नारी शक्ति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि कुछ दिनों पहले उनकी मुलाकात, उन बहादुर बेटियों से हुई थी जो तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के बाद वहाँ के लोगों की मदद के लिए गई थीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार (26 मार्च 2023) को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) के जरिए देश को संबोधित किया। इसमें उन्होंने महिला शक्ति, ऑर्गन डोनेशन और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ जैसे आवश्यक मुद्दों पर बात की है। यही नहीं, उन्होंने काशी-तमिल संगमन की तर्ज पर आयोजित होने वाले ‘सौराष्ट्र-तमिल संगमम’ को लेकर भी बात की। मन की बात का यह 99वाँ एपिसोड था। 100वाँ एपिसोड 30 अप्रैल, 2023 को प्रसारित होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा है, “हमारा और आपका ‘मन की बात’ का ये साथ 99वें पायदान पर आ पहुँचा है। आम तौर पर हम सुनते हैं कि निन्यानवें 99 का फेर बहुत कठिन होता है क्रिकेट में तो ‘नर्वस नाइंटीज’ को बहुत मुश्किल माना जाता है। लेकिन जहाँ भारत के जन-जन के ‘मन की बात’ हो, वहाँ की प्रेरणा ही कुछ और होती है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड को लेकर देश के लोगों में बहुत उत्साह है।”

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड के लिए देश की जनता से सुझाव माँगते हुए कहा है, “आज हम सब आजादी का अमृतकाल मना रहे हैं। नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहे हैं, तो 100वें ‘मन की बात’ को लेकर, आपके सुझावों और विचारों को जानने के लिए मैं भी बहुत उत्सुक हूँ। मुझे, आपके ऐसे सुझावों का बेसब्री से इंतजार है। वैसे तो प्रतीक्षा हमेशा होती है लेकिन इस बार प्रतीक्षा अधिक है।आपके ये सुझाव और विचार ही 30 अप्रैल को होने वाले 100 वें ‘मन की बात’ को और यादगार बना सकते हैं।”

ऑर्गन डोनेशन या अंग दान को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा है कि मेडिकल साइंस के इस दौर में ऑर्गन डोनेशन किसी को जीवन देने का एक बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। ऐसा कहा जाता है कि जब एक व्यक्ति मृत्यु के बाद अपना शरीर दान करता है तो उससे 8 से 9 लोगों को एक नया जीवन मिलने की संभावना बनती है। संतोष की बात है कि आज देश में ऑर्गन डोनेशन के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है। साल 2013 में हमारे देश में ऑर्गन डोनेशन के 5 हजार से भी कम केस थे। लेकिन, 2022 में यह संख्या बढ़कर 15 हजार से अधिक हो गई है। ऑर्गन डोनेशन करने वाले व्यक्तियों और उनके परिवार ने बहुत पुण्य का काम किया है।

पीएम ने यह भी कहा है कि अंग दान को आसान बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए पूरे देश मे एक जैसी पॉलिसी बनाने पर काम किया जा रहा है। पहले जिस राज्य का निवासी हो उसी राज्य में अंग लेना पड़ता था। लेकिन अब मरीज देश के किसी भी राज्य में जाकर अंग प्राप्त करने के लिए पंजीकरण करा सकेगा। सरकार ने अंगदान के लिए 65 साल से कम उम्र की उम्र सीमा को भी खत्म करने का फैसला किया है।

नारी शक्ति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि कुछ दिनों पहले उनकी मुलाकात, उन बहादुर बेटियों से हुई थी जो तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के बाद वहाँ के लोगों की मदद के लिए गई थीं। ये सभी NDRF के दस्ते में शामिल थीं। उनके साहस और कुशलता की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। आज देश की बेटियाँ हमारी तीनों सेनाओं में अपने शौर्य का झंडा बुलंद कर रही हैं।

उन्होंने आगे कहा है कि ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी कॉम्बैट यूनिट में कमांड अपॉइंटमेंट पाने वाली पहली महिला वायुसेना अधिकारी बनी हैं। उनके पास करीब 3 हजार घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरियंस है। इसी तरह, भारतीय सेना की बहादुर कैप्टन शिवा चौहान सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनी हैं। सियाचिन में जहाँ पारा – 60 (माइनस 60) डिग्री तक चला जाता है। वहाँ शिवा तीन महीनों तक तैनात रहेंगी।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा है कि काशी-तमिल संगमम के दौरान, काशी और तमिल क्षेत्र के बीच सदियों से चले आ रहे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को खुशी पूर्वक मनाया गया। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना हमारे देश को मजबूती देती है। अगले महीने गुजरात के विभिन्न हिस्सों में ‘सौराष्ट्र-तमिल संगमम’ होने जा रहा है। यह 17 से 30 अप्रैल तक चलेगा। कुछ श्रोता सोच रहे होंगे कि गुजरात के सौराष्ट्र का तमिलनाडु से क्या संबंध है। दरअसल, सदियों पहले सौराष्ट्र के अनेकों लोग तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में बस गए थे। ये लोग आज भी ‘सौराष्ट्री तमिल’ के नाम से जाने जाते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -