हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त किए जाने को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। विवादित बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहने वाले ओवैसी ने इस बार नरेंद्र मोदी की बौद्धिक क्षमता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। ओवैसी ने कहा कि मोदी की राजनीतिक बौद्धिक क्षमता उतनी नहीं है, जितनी नेहरू और पटेल की थी।
‘ईद मिलाप’ के मौके पर अपनी पार्टी एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए ओवैसी ने दुहराया कि भारत सरकार का जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन और अनुच्छेद 370 को लेकर उठाया गया क़दम संवैधानिक संधि का उल्लंघन है। ओवैसी ने कहा, “मोदी जी, आपके पास नेहरू और सरदार पटेल जैसी बुद्धिमत्ता नहीं है। जब अनुच्छेद 370 को लागू किया गया था तब इन नेताओं ने सारे पहलुओं पर विचार करने के बाद ही ऐसा किया होगा।“
ओवैसी ने संसद में अधिक संख्या में बिल पेश किए जाने को लेकर नाराजगी जताई और कहा कि भाजपा एक दिन में 30-35 बिल संसद में पेश करती है और इससे सांसदों को उन्हें पढ़ने का समय ही नहीं मिलता है। उन्होंने पूछा, “भाजपा कैसे यह आशा कर सकती है कि इतने कम समय में इतनी अधिक संख्या में पेश किए गए बिल को सांसद पढ़ लें?” असदुद्दीन ओवैसी को इस बात से परेशानी है कि संसद में इतनी तेज़ी से काम क्यों हो रहा है?
Asaduddin Owaisi: A Tamil Nadu actor (Rajinikanth) called PM Modi and Amit Shah “Krishna and Arjun” for abrogating Article 370 from J&K. Then who are Pandavas & Kauravas in this situation. Do you want another ‘Mahabharat’ in the country. (13.08.19) pic.twitter.com/8tIVlPhPjX
— ANI (@ANI) August 14, 2019
साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने रजनीकांत के उस बयान पर भी तंज कसा जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर क्रन्तिकारी निर्णय लेने के लिए मोदी-शाह की तुलना कृष्ण और अर्जुन की जोड़ी से की थी। ओवैसी ने पूछा कि अगर मोदी-शाह को कृष्ण अर्जुन कहा जा रहा है तो पांडव और कौरव कौन हैं? क्या आप देश में एक और महाभारत देखना चाहते हैं?
ओवैसी ने मोदी की बुद्धिमत्ता को नेहरू से कमतर तो बता दिया लेकिन शायद वह भूल गए कि उन्हीं नेहरू के कार्यकाल में अनुच्छेद 370 के साथ ‘अस्थायी’ शब्द जोड़ा गया था, अर्थात यह हमेशा के लिए नहीं लाया गया था। इसे कभी न कभी ख़त्म होना था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में बार-बार समझाया जा चुका है कि अनुच्छेद 370 के साथ जुड़े ‘अस्थायी’ शब्द का मतलब क्या है? अगर ओवैसी को इतना भी नहीं पता तो उन्हें अपने भाषणों व टीवी चर्चाओं में संविधान की दुहाई देना छोड़ देना चाहिए। नेहरू की बुद्धिमत्ता के तो कहने ही क्या? वो तो उतने बुद्धिमान थे कि उन्होंने सेना तक की ज़रूरत से इनकार कर दिया था। नेहरू की बुद्धिमत्ता तो इतनी है कि आज कोई भी विपक्षी नेता यह नहीं बता पाते कि अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर की जनता को क्या फायदा हुआ?