प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (11 दिसंबर 2022) को गोवा में मोपा एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। इस एयरपोर्ट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर करीब 2,870 करोड़ रुपए से विकसित किया गया है। इसके अलावा, पीएम मोदी ने गोवा की राजधानी पणजी में आयोजित हुए आयुर्वेद कॉन्ग्रेस के समापन समारोह में AIIMS के आयुष हॉस्पिटल समेत 3 आयुष संस्थानों का भी उद्घाटन किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2016 में पीएम मोदी ने मोपा एयरपोर्ट की आधारशिला रखी थी। यह गोवा का दूसरा एयरपोर्ट है। यहाँ का पहला एयरपोर्ट डाबोलिम में स्थित है। इस एयरपोर्ट के माध्यम से हर साल करीब 44 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान करने की उम्मीद है। वहीं, बाद में इस एयरपोर्ट का विस्तार कर 1 करोड़ यात्रियों तक विस्तारित किया जाना है। 2,870 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ यह एयपोर्ट कार्गो सेवाओं को भी पूरा करेगा।
गोवा के लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा:
“मुझे खुशी है कि इस हवाई अड्डे के टर्मिनल का नाम मेरे प्रिय मित्र मनोहर जी के नाम पर रखा गया है। मनोहर जी अब इस हवाई अड्डे के माध्यम से यहाँ आने वाले हर किसी की याद में रहेंगे।”
गोवा में बने डाबोलिम एयरपोर्ट से 15 घरेलू और 6 अंतरराष्ट्रीय जगहों के लिए कनेक्टिविटी है। वहीं, मोपा एयरपोर्ट के जरिए 35 घरेलू और 18 अंतरराष्ट्रीय जगहों के लिए कनेक्टिविटी का विस्तार हो जाएगा। यह एयरपोर्ट आगामी 5 जनवरी से शुरू होगा। एयरपोर्ट शुरू होने के बाद गोवा के टूरिज्म में तेजी से इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
गौरतलब है कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आने के बाद से नए एयरपोर्ट के निर्माण ने तेजी पकड़ी है। उससे पहले तक देश में कुल 74 एयरपोर्ट थे। बीते 8 सालों में यह संख्या 74 से बढ़कर 140 या इससे अधिक हो गई है। यानी मोदी सरकार में एयरपोर्ट की संख्या दोगुनी हो गई है।
केंद्र सरकार का टारगेट है कि अगले 5 साल (साल 2027 तक) में देश में एयरपोर्ट की संख्या 220 से ज्यादा कर दी जाए ताकि न सिर्फ देश बल्कि विदेशों के साथ भी कनेक्टिविटी तेज हो सके। इससे न केवल परिवहन की सुविधाओं में विस्तार होगा बल्कि टूरिज्म और व्यापार में भी तेजी से इजाफा होगा।
देश को दी 3 आयुष संस्थानों की सौगात
पीएम मोदी ने गोवा की राजधानी पणजी में 9वें आयुर्वेद कॉन्ग्रेस के समापन समारोह में AIIMS का उद्घाटन किया। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन और दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी का भी वर्चुअल उद्घाटन किया।
The motto of Ayurveda is: सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः pic.twitter.com/Xe8fmb7dNG
— PMO India (@PMOIndia) December 11, 2022
इस दौरान, पीएम मोदी ने कहा, “आयुर्वेद एक ऐसा विज्ञान है जिसका दर्शन, जिसका उद्देश्य है ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः’ यानी सबका सुख, सबका स्वास्थ्य। पहले जिस योग और आयुर्वेद को उपेक्षित समझा जाता था, वही आज पूरी मानवता के लिए एक नई उम्मीद बन गई है। हमारे पास आयुर्वेद का परिणाम भी था, प्रभाव भी था, लेकिन प्रमाण के मामले में हम पीछे छूट रहे थे। इसलिए, आज हमें ‘डेटा बेस्ड एविडेंसेस’ का डॉक्युमेंटेशन करना होगा।”
हमारे पास आयुर्वेद का परिणाम भी था, प्रभाव भी था, लेकिन प्रमाण के मामले में हम पीछे छूट रहे थे।
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इसलिए, आज हमें ‘डेटा बेस्ड एविडेंसेस’ का डॉक्युमेंटेशन करना होगा। pic.twitter.com/cvJLtLFn2p
उन्होंने यह भी कहा है, “अपने ज्ञान, विज्ञान और सांस्कृतिक अनुभव से विश्व के कल्याण का संकल्प अमृत काल का बड़ा लक्ष्य है, आयुर्वेद इसके लिए एक प्रभावी माध्यम है। भारत इस वर्ष G20 समुह की अध्यक्षता और मेजबानी कर रहा है। हमने G20 समिट की थीम वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर रखा है।”
आयुर्वेद हमें जीवन जीने का तरीका सिखाता है। pic.twitter.com/CXuhmfAzTW
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प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि कुछ लोग समझते हैं कि आयुर्वेद, सिर्फ इलाज के लिए है लेकिन इसकी खूबी ये भी है कि आयुर्वेद हमें जीवन जीने का तरीका सिखाता है। आयुर्वेद हमें सिखाता है कि हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर की तरह ही शरीर और मन भी एक साथ स्वस्थ रहने चाहिए, उनमें समन्वय रहना चाहिए।