प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे में सुरक्षा में चूक को लेकर इनकार करने वाली चन्नी सरकार अब इंटरनल सिक्योरिटी को लेकर जारी पत्रों के कारण घिर गई है। पंजाब के ADGP लॉ एंड ऑर्डर ने तीन बार चन्नी सरकार को किसानों के धरने से पैदा होने होने वाले व्यवधान और सड़क जाम के बारे में चेताया था। सुरक्षा को लेकर भेजे गए तीनों मेमो में पुलिस को डायवर्जन प्लान बनाने के लिए कहा गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब की चन्नी सरकार को 1, 3 और 4 जनवरी, 2022 को यह निर्देश भेजे गए थे, लेकिन किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया।
टाइम्स नाउ ने पंजाब पुलिस के शीर्ष अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थों को प्रधानमंत्री मोदी की फिरोजपुर रैली को लेकर जो निर्देश दिए गए थे ऐसे तीन पत्रों के हवाले से बताया है कि राज्य प्रशासन से किसानों के आंदोलन को देखते हुए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था, ट्रैफिक डायवर्जन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था।
#PMRouteLeaked
— TIMES NOW (@TimesNow) January 6, 2022
TIMES NOW has accessed three police letters of internal communication.
Pranesh with more details. pic.twitter.com/ekGjGXwmHK
तीन पत्रों में से आखिरी, जो 4 जनवरी, 2022 को एडीजीपी और डीजीपी सहित पंजाब पुलिस के अधिकारियों को भेजा गया था, में कहा गया है, “पीएम मोदी की रैली फिरोजपुर में होने वाली है जिसमें बड़ी संख्या में वीआईपी को फिरोजपुर भेजा जाएगा जिससे हैवी ट्रैफिक होने वाला है। आपसे अनुरोध है कि महत्वपूर्ण जगहों पर पुलिस बल तैनात करके अपने क्षेत्र में आवश्यक सुरक्षा, यातायात मार्ग की व्यवस्था करें। आपको आगे किसानों की आवाजाही पर भी नजर रखने का निर्देश दिया जाता है और रैली को बाधित करने के लिए किसी को भी फिरोजपुर जिले में जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। किसी भी धरने की वजह से बाधाएँ आ सकती हैं इसलिए कृपया पहले से आवश्यक ट्रैफिक डायवर्जन करें। कृपया अपने एसपी को किसानों की योजना का आकलन करने और आवश्यक व्यवस्था करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जानकारी दें।”
वहीं 1 जनवरी को भेजे गए आतंरिक सूचना रिपोर्ट में कहा गया था कि 5 जनवरी को बारिश की संभावना की वजह से CM और दूसरे VIPs सड़क मार्ग से आ सकते हैं। खासकर चंडीगढ़ से फिरोजपुर सेक्टर का इस्तेमाल हो सकता है। इसके लिए एडवांस में रूट अरेंजमेंट्स की प्लानिंग करने को कहा गया था।
इसके बाद दूसरा पत्र 3 जनवरी को भेजा गया था। जिसमें कहा गया कि फिरोजपुर में गन्ने के खेत, नहर और ट्यूबवैल हैं। यहाँ पर भी पुलिस फोर्स की तैनाती के बारे में विचार किया जाए। इसमें यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया था कि प्रदर्शनकारी रैली का रूट ब्लॉक न करें।
वहीं मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रविरोधी तत्वों, टिफिन बम, ग्रेनेड, IED की फोटो भी गजेटेड अफसरों को देने के लिए कहा गया था, ताकि वे अपने कर्मचारियों को इसे दिखा सकें। पूरे यातायात मार्ग पर पुलिसकर्मियों के ग्रुप और मोबाइल टीमों के रूप में तैनाती के लिए भी कहा गया था, ताकि जरूरत पड़ने पर वह जाम या किसी भी प्रकार की यातायात बाधा को दूर कर सकें।
इतनी तैयारियों के बाद भी पीएम मोदी 5 जनवरी को जब फिरोजपुर जाने वाले थे, तब प्रदर्शनकारियों द्वारा नाकेबंदी के कारण उनका काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फँसा रहा। जहाँ गृह मंत्रालय ने कहा कि यह घटना प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक है। वहीं पंजाब के सीएम चन्नी लगातार घटना के पीछे किसी भी सुरक्षा चूक या राजनीतिक मकसद से इनकार करते नजर आए। यहाँ तक कि कल सुरक्षा चूक सामने आने बाद से कई बार वे अपने बयान बदलते रहे।
इस मामले में CM चरणजीत चन्नी कहते रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को हवाई मार्ग से जाना था। अचानक उन्होंने रोड से जाने का प्लान बना लिया। हालाँकि, अब जब तीनों पत्र सामने आ गए हैं तो सवाल यह है कि उनके ही अफसर की तरफ से 3 बार वैकल्पिक रूट बनाने की वॉर्निंग को क्यों नजरअंदाज किया गया। यह चेतावनी खराब मौसम और रैली में भारी भीड़ होने के तर्क के आधार पर जारी की गई थी। इसके बावजूद न तो अफसरों ने ट्रैफिक के निर्देश माने और न ही पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की।
हालाँकि, इस बीच यह भी खबर है कि चन्नी सरकार ने पीएम मोदी की फिरोजपुर यात्रा के दौरान हुई चूक की पूरी तरह से जाँच करने के लिए दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।