प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लिया, उसके बाद उन्होंने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कालचक्र बदल रहा है, ये एक नए युग का उद्गम है। इसके बाद वो कुबेर टीला पहुँचे, जहाँ उन्होंने राम मंदिर के निर्माण के शुभ कार्य में लगे मजदूरों से मुलाकात की। पीएम मोदी ने श्रमजीवियों पर पुष्पवर्षा की। बता दें कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन हो या फिर दिल्ली में ‘भारत मंडपम’ का उद्घाटन, वो हमेशा से इन मौकों पर श्रमजीवियों का सम्मान करते रहे हैं।
वीडियो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी कुर्सी पर बैठे मजदूरों पर फूल बरसा रहे हैं। उन्होंने टोकरी में से लेकर लाल रंग के फूल बरसा कर इन मजदूरों को सम्मान दिया। ये वही ‘श्रमवीर’ हैं, जिनकी महीनों की मेहनत के बाद राम मंदिर का गर्भगृह तैयार हुआ और आज उसमें प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संभव हो पाया है। पीएम मोदी हमेशा से ‘श्रमेव जयते’ का नारा देते रहे हैं और ये मोदी सरकार की विकास योजनाओं में भी झलकता है। श्रम का सम्मान उनकी सरकार के मुख्य केन्द्रबिन्दुओं में से एक है।
श्रमेव जयते 🙏
— Sambit Patra (@sambitswaraj) January 22, 2024
प्रणाम है उन्हें जिन्होंने अपने तप, तपस्या और परिश्रम से प्रभु श्रीराम के नव्य-भव्य-दिव्य मंदिर का निर्माण किया। pic.twitter.com/r5SvkSshg4
ये सभी मजदूर अलग-अलग कंपनियों से जुड़े हुए हैं, जिन पर पीएम मोदी ने फूल बरसाया। कुबेर टीला पर उन्होंने पक्षीराज जटायु की मूर्ति का अनावरण भी किया। कुबेर टीला पर ही प्राचीन शिव मंदिर भी स्थित है, जिसका ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ ने पुनर्निर्माण करवाया है। मान्यता है कि यहाँ स्वयं धन के देवता कुबेर ने आकर शिवलिंग की स्थापना की थी। उससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। उन्होंने रामलला के मंदिर के निर्माण को भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का प्रतीक बताया।
पीएम मोदी ने कहा कि ये निर्माण आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है। पीएम मोदी ने कहा, “ये मंदिर, मात्र एक देव मंदिर नहीं है। ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन है, राम भारत की प्रतिष्ठा है। मैं आभार व्यक्त करूँगा भारत की न्यायपालिका का जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु श्रीराम का मंदिर भी न्याय बद्ध तरीके से बना।”