प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (जून 4, 2021) को ‘वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research)’ की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्बोधित किया। उन्होंने CSIR की बैठक में कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी पूरी दुनिया के सामने इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती बनकर आई है, लेकिन इतिहास इस बात का गवाह है कि जब-जब मानवता पर कोई बड़ा संकट आया है, विज्ञान ने और बेहतर भविष्य के रास्ते तैयार कर दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा की बीती शताब्दी का अनुभव है कि जब पहले कोई खोज दुनिया के दूसरे देशों में होती थी तो भारत को उसके लिए कई-कई साल का इंतज़ार करना पड़ता था, लेकिन आज हमारे देश के वैज्ञानिक दूसरे देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं, उतनी ही तेज गति से काम कर रहे हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि किसी भी देश में साइन्स और टेक्नालॉजी उतनी ही ऊँचाइयों को छूती है, जितना बेहतर उसका इंडस्ट्री से, मार्केट से संबंध होता है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने CSIR के बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हमारे देश में CSIR साइन्स, सोसाइटी और इंडस्ट्री की इसी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक ‘संस्था-विषयक व्यवस्था’ का काम करता है। प्रधानमंत्री ने इसके योगदानों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी इस संस्था ने देश को कितनी ही प्रतिभाएँ दी हैं, कितने ही वैज्ञानिक दिए हैं। शांतिस्वरूप भटनागर जैसे महान वैज्ञानिक ने इस संस्था को नेतृत्व दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत टिकाऊ विकास और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कैसे आज हम सॉफ्टवेयर से लेकर सैटेलाइट्स तक, दूसरे देशों के विकास को भी गति दे रहे हैं और दुनिया के विकास में प्रमुख इंजन की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज एग्रिकल्चर से एस्ट्रॉनॉमी तक, आपदा प्रबंधन से रक्षा तकनीक तक, वैक्सीन से वर्चुअल रियलिटी तक, बायोटेक्नोलॉजी से लेकर बैटरी टेक्नोलॉजीज तक, देश हर दिशा में आत्मनिर्भर और सशक्त बनना चाहता है।
बकौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कोरोना के इस संकट ने रफ्तार भले कुछ धीमी की है लेकिन आज भी हमारा संकल्प है- ‘आत्मनिर्भर भारत, सशक्त भारत’। बता दें कि CSIR सोसायटी विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन काम करने वाली वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग का हिस्सा है। इसे देश भर के 37 लैब्स और 39 केंद्रों से संचालित किया जाता है। हर साल सोसाइटी की बैठक होती है।