दिल्ली विधानसभा की अल्पसंख्यक समिति के अध्यक्ष हैं अमानतुल्लाह खान। इस अल्पसंख्यक समिति का आरोप है कि दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित FIR की कॉपियाँ उन्हें उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
AAP विधायक और विधानसभा की अल्पसंख्यक समिति के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली सरकार के गृह सचिव को इस मामले में निर्देश दिया है। निर्देश के अनुसार दिल्ली सरकार के गृह सचिव को दिल्ली पुलिस से स्पष्टीकरण माँगने को कहा गया है।
दिल्ली विधानसभा की अल्पसंख्यक समिति ने बुधवार (16 सितंबर, 2020) को इस मामले से संबंधित मीटिंग की। मीटिंग में दिल्ली में हुए दंगे के तीन पीड़ितों को भी बुलाया गया। इन पीड़ितों का बयान भी दर्ज किया गया।
समिति ने तीन पीड़ितों के बयानों के आधार पर आरोप लगाया कि जिनके घरों को लूट लिया गया, जिनके भाई को दंगों में मार दिया गया, दिल्ली पुलिस इन तीन मामलों में कोई एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है।
AAP के (अब निलंबित) पार्षद ताहिर हुसैन मुख्य आरोपित
दिल्ली पुलिस ने जून 2, 2020 को बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मामले में 2 चार्जशीट दायर की थी। इसमें आम आदमी पार्टी के (अब निलंबित) पार्षद ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपित बनाया गया है। उसके भाई शाह आलम सहित 15 अन्य लोगों को आरोपित बनाया गया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने दस्तावेजों के साथ कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
इस मामले में कुल 70 गवाह भी बनाए गए हैं। पूरे नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में दंगे भड़काए गए थे। कई हिन्दुओं को मार डाला गया था। चाँदबाग और जाफराबाद में हुए दंगों को लेकर ये चार्जशीट दायर की गई। ताहिर हुसैन पर इन दंगों को फंड करने और इसका मास्टरमाइंड होने की बात कही गई है। दंगों को भड़काने में 1.3 करोड़ रुपए से भी ज्यादा फूँके गए।
ताहिर हुसैन के बचाव में AAP विधायक अमानतुल्लाह खान
दंगों में नाम आने के बाद आम आदमी पार्टी द्वारा ताहिर को निलंबित कर दिया था। अमानतुल्लाह खान हालाँकि पार्टी से ‘आगे की चीज’ हैं। ताहिर को निलंबित करने के महज 16 मिनट बाद ही अमानतुल्लाह खान ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए उन्हें बेकसूर घोषित कर दिया था।
अमानतुल्लाह खान का एक वीडियो भी तब वायरल हुआ था। इसमें वो भड़काते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो 2016 का बताया गया था। वीडियो में अमानतुल्लाह खान भीड़ को संबोधित करते हुए कहते हैं:
“आप लोग जिस जिंदादिली से यहाँ आए हैं, अगर आप लोग सिर्फ ये तय कर लें ना कि आज के बाद एक भी गिरफ्तारी हुई तो होम मिनिस्टर के घर को घेरना है। तो मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ कि इनकी इतनी हिम्मत नहीं होगी कि आपके एक बच्चे की तरफ भी ये आँख उठाकर देख लें। मैं सिर्फ इतना कहने आया हूँ कि दिल्ली में मुसलमानों की बहुत बड़ी तादाद है, लेकिन यहाँ पर जितने मुसलमान आए हैं, अगर सिर्फ वही ये तय कर लें तो उनकी हिम्मत नहीं होगी।”