ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट के बाद अब गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी गोवा के उन मंदिरों के पुनर्निर्माण पर जोर दिया है जिन्हे पुर्तग़ालियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके लिए उन्होंने सरकार द्वारा बजट जारी करने की जानकारी दी। इसी के साथ उन्होंने गोवा आने वाले यात्रियों को मंदिरों की तरफ आकर्षित करना सरकार का कर्तव्य बताया। मुख्यमंत्री सावंत ने यह बातें शनिवार (21 मई 2022) को दिल्ली में आयोजित पाञ्चजन्य के सेमिनार में कहीं।
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— Dr. Pramod Sawant (@DrPramodPSawant) May 22, 2022
CM प्रमोद सावंत ने कहा, “जल्द ही गोवा देश के सबसे अच्छे राज्यों में से एक होगा। मझे गर्व है कि गोवा में आज़ाद के समय से ही समान नागरिक संहिता लागू है। यही कानून पूरे देश में भी लागू होना चाहिए। गोवा की आजादी में देरी कॉन्ग्रेस की वजह से हुई थी। इसी पार्टी की नीतियों की वजह से 1947 में स्वतंत्र हुए देश में गोवा 20 साल बाद 1967 में स्वतंत्र हो पाया। भाजपा की 2012 में सरकार आने के बाद जो काम 60 साल में नहीं हो पाया वो हमनें 10 वर्षों में 2022 तक कर के दिखाया है।”
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने आगे कहा, “पुर्तगालियों ने 450 सालों तक गोवा की मूल हिन्दू संस्कृति को नष्ट किया। हम उसी संस्कृति को फिर से स्थांपित करना चाह रहे। आखिर इसमें बुराई क्या है? अभी जहाँ-जहाँ भी टूटे मंदिर बने हुए हैं वो मंदिर बनने ही चाहिए। इसी के लिए इस बार सरकार ने अपने बजट में 20 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।”
CM सावंत ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाए गए ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना ने हमें भी गोवा में ‘स्वयं पूर्ण गोवा’ अभियान चलाने के लिए प्रेरित किया। गोवा के लोग बहुत समझदार हैं। अगर कोई बंगाल से आ कर यहाँ राज्य करने की बात करेगा तो वो सफल नहीं होगा क्योंकि हम अपना काम करते रहे। TMC और ममता बनर्जी केवल मीडिया और पोस्टरों में ही रह गए। गोवा के लोगों को गोवा के लोग पहचानते हैं।”
अरविन्द केजरीवाल से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, “हमारा मीडिया का बजट काफी कम है। बाकी लोगों का मीडिया का बजट थोड़ा ज्यादा है। हमने हर क्षेत्र में काम किया है। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में मैं किसी से भी कह सकता हूँ कि हम बेस्ट हैं। नरेंद्र मोदी जी को भी धन्यवाद जिन्होंने आयुर्वेद और योग को दुनिया के कोने-कोने में पहुँचा दिया है जो हमारी पारम्परिक विरासत रही है।’
CM सावंत के मुताबिक, “हम सूर्य, बालू और समुद्र के अलावा सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहे हैं। गोवा के आंतरिक हिस्सों में भी कई पर्यटन है जो अभी लोगों के सामने नहीं आया है। इसके अलावा गोवा में आध्यात्मिक टूरिज्म भी है। इन सभी को बढ़ावा देने के लिए हमने प्रयास शुरू कर दिए हैं।”