पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी टीएमसी में मची भगदड़ के बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि बीजेपी दोहरे अंक में पहुँचने के लिए संघर्ष करेगी। बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि चुनाव के बाद देश एक रणनीतिकार खो देगा। ध्यान रहे पीके 2021 में होने वाले बंगाल चुनाव के लिए टीएमसी की रणनीति बना रहे हैं। हाल में कई नेताओं ने उनके तौर-तरीकों का विरोध करते हुए टीएमसी छोड़ी है।
For all the hype AMPLIFIED by a section of supportive media, in reality BJP will struggle to CROSS DOUBLE DIGITS in #WestBengal
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 21, 2020
PS: Please save this tweet and if BJP does any better I must quit this space!
आज सुबह ट्वीट कर प्रशांत किशोर ने बताया, “मीडिया का एक वर्ग बीजेपी के समर्थन में माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है, हकीकत यह है कि बीजेपी दहाई के आँकड़े के लिए संघर्ष कर रही है। अगर बीजेपी बंगाल में बेहतर प्रदर्शन करती है तो मैं इस जगह को छोड़ दूँगा।”
भाजपा की बंगाल में जो सुनामी चल रही हैं, सरकार बनने के बाद इस देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) December 21, 2020
प्रशांत किशोर के इस ट्वीट के आने के बाद ही सोशल मीडिया पर दिग्गज नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय लिखते हैं, ”भाजपा की बंगाल में जो सुनामी चल रही है, सरकार बनने के बाद इस देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा।”
यशवंत देशमुख लिखते हैं, “वाह! तो इनके अनुसार 99 सीटों तक पहुँचना बीजेपी के लिए एक अलग तरह की संभावना है। हकीकत में ये वाकई दिलचस्प है। इस समीकरण के मुताबिक भले ही कॉन्ग्रेस और लेफ्ट 50 % बिखर जाएँ, लेकिन क्या दीदी विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हो रही हैं।”
Oh. Wow. So as per him reaching up to 99 seats is a distinct possibility for BJP ! That’s very very interesting indeed.
— Yashwant Deshmukh 🇮🇳 (@YRDeshmukh) December 21, 2020
Going by his equation, even if Congress and Left disintegrate further by 50% of whatsoever they are left with, is Didi getting prepared for hung assembly?? https://t.co/9nQJ4kzjUm
बता दें कि सोशल मीडिया पर प्रशांत किशोर को इस समय यूजर्स सस्ता योगेंद्र यादव बता रहे हैं। लोग उन्हें बता रहे हैं कि वो बिहार में तो अपना अस्तित्व बचा नहीं पाए, लेकिन बंगाल में मास्टरगिरी कर रहे हैं।
जेनिश पटेल लिखते हैं, “इस चुनाव के बाद तो वैसे भी आपकी विदाई तय है, घोषणा करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसके बाद आपको कोई सीरियस लेगा ही नहीं।”
इस चुनाव के बाद तो वैसे भी आपकी विदाई तय है, घोषणा करने की जरूरत नहीं है,😆
— Jenish Patel (@sir_jenishpatel) December 21, 2020
क्योंकि इसके बाद आपको कोई सीरियस लेगा ही नहीं😂😂😂#WestBengalElection2021 #PrashantKishore https://t.co/xlj4ZfgC6N
बोधगया के पूर्व विधायक हरि मांझी लिखते हैं, “मुझे अंग्रेज़ी नहीं आती, इसलिए मेरे एक साथी ने बताया की प्रशांत किशोर जी क़हिन है कि ‘भाजपा बंगाल में दहाई का आँकड़ा नहीं छू पाएगी’ प्रशांत जी मोटी रक़म लेकर ही आप ममता दी का काम कर रहे तो अब आप चुनाव बाद वो रक़म लौटाने का प्रबंध कीजिए क्यूँकि दीदी ज़ोरदार हार रही है। जय श्री राम।”
मुझे अंग्रेज़ी नहीं आती इसलिए मेरे एक साथी ने बताया की प्रशांत किशोर जी क़हिन है की “भाजपा बंगाल में दहाई का आँकड़ा नहीं छू पाएगी”प्रशांत जी मोटी रक़म लेकर ही आप ममता दी का काम कर रहे तो अब आप चुनाव बाद वो रक़म लौटाने का प्रबंध कीजिए क्यूँकि दीदी ज़ोरदार हार रही है।जय श्री राम https://t.co/Nm3NHipmtY
— हरि मांझी (@HariManjhi) December 21, 2020
एबीपी पत्रकार रुबिका लियाकत प्रशांत किशोर के ट्वीट को लेकर दावा करती हैं कि प्रशांत ने ‘चित भी मेरी पट भी मेरी’ के तहत ट्वीट किया है। उनका कहना है कि उन्होंने वर्तमान राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया लेकिन लोग कह रहे हैं कि उन्होंने ट्विटर छोड़ने की बात की है।
बहुत लोग कह रहे हैं की प्रशांत किशोर के ट्वीट के मायने ये हैं->… double digit- 99 होगा, और ‘this space’ से मतलब Twitter है।
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) December 21, 2020
कुल मिला कर ऐसे घुमा फिरा कर लिखा है कि ‘चित भी मेरी पट भी मेरी’ https://t.co/LuTdNIFCtP
यहाँ गौरतलब हो कि भाजपा का दावा है कि बंगाल चुनावों में वह ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाले हैं लेकिन प्रशांत किशोर जैसे चुनाव रणनीतिकार की बात सामने आने के बाद अब हर भाजपा समर्थक उन्हें चुनौती दे रहा है। उनसे ट्विटर, राजनीति छोड़ने की तैयारी करने को कहा जा रहा है।
बता दें कि प्रशांत किशोर पिछले कई चुनावों से चर्चा में नहीं रहे। साल 2014 के बाद उनकी भूमिका सिर्फ लालू-नीतिश गठबंधन में नजर आई थी। इसके बाद उनकी भूमिका लगभग हर चुनाव में क्षीण रही। यूपी के चुनावों में उन्होंने कॉन्ग्रेस की मदद करने की सोची लेकिन वहाँ पार्टी को बीजेपी से करारी शिकस्त मिली। इसके बाद बिहार में जदयू के जरिए अपनी महत्वाकांक्षा को न साध पाने वाले प्रशांत किशोर काफी समय से राजनैतिक पटल पर गायब चल रहे थे। आज अचानक उन्होंने बंगाल चुनाव को लेकर भविष्यवाणी की है। इसके बाद से मीडिया में उन्हें कवरेज मिल रही है।