भारत सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र और विदेशी सेवा संस्थान का नाम बदलकर दिवंगत सुषमा स्वराज के नाम पर रखने की घोषणा की है। 14 फरवरी को उनकी जयंती से ठीक पहले यह घोषणा की गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज घोषणा करते हुए कहा कि, सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम सुषमा स्वराज भवन और विदेशी सेवा संस्थान का नाम सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस रखने का फैसला किया है। एक महान शख्सियत को दी गई श्रद्धांजलि हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी।
Glad to announce that the Government has decided to rename Pravasi Bhartiya Kendra as Sushma Swaraj Bhawan and Foreign Service Institute as Sushma Swaraj Institute of Foreign Service.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 13, 2020
A fitting tribute to a great public figure who continues to inspire us.
जयशंकर ने कहा, “हम सब सुषमा स्वराज को याद करते हैं, जो कल (14 फरवरी) 68 वर्ष की हो जाएँगी। विदेश मंत्रालय परिवार उन्हें विशेष रूप से याद करता है।” इस फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि मैं इस फैसले के लिए आपकी आभारी हूँ। वास्तव में यह सरकार द्वारा एक महिला को दी गई सच्ची श्रद्धांजलि है, उनको नेता के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा।
I’m extremely grateful @DrSJaishankar ji for the step taken. It is indeed a worthy tribute by the Government to a woman of substance, a leader much missed ? https://t.co/pZuYhJyiD2
— Smriti Z Irani (@smritiirani) February 13, 2020
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में ही सुषमा को विदेश मंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद दिया था। इस पद पर रहते हुए सुषमा ने विदेश में रह रहे भारतीयों की मदद की दिशा में सराहनीय कार्य किए थे। वह लोगों से ट्विटर के जरिए जरिये कनेक्ट रहती थीं और उनकी समस्या का समाधान करती थीं। 6 अगस्त 2019 को उनका निधन हो गया था। स्वराज को गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया था। पिछले महीने हरियाणा सरकार ने अंबाला के बस अड्डे का नाम सुषमा स्वराज के नाम पर रखने की घोषणा की थी। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया था कि 14 फरवरी को बस अड्डे का नया नामकरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सुषमा स्वराज ने जीवन के शुरुआती साल अंबाला में बिताए थे।