यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीति का पारा गरमाया हुआ है। एक तरफ जहाँ गठबंधन के कारण सपा-बसपा के समर्थक नहीं फूले समा रहे हैं, वहीं प्रियंका गाँधी के राजनीति में आने से कॉन्ग्रेस का आत्मविश्वास भी आसमान छू रहा है।
हाल ही में कॉन्ग्रेस की महासचिव बनी प्रियंका गाँधी वाड्रा लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सिर से पैर तक का जोर लगा रही हैं। यूपी में कॉन्ग्रेस नेताओं के साथ प्रियंका ने बीते बुधवार (जनवरी 13, 2019) को भी देर रात तक बैठक की। इस बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि यूपी में किसी पार्टी के साथ कॉन्ग्रेस का गठबंधन नहीं होगा।
यह बैठक कॉन्ग्रेस कार्यालय में बीती रात क़रीब पौने ग्यारह बजे हुई। 45 मिनट चली इस बैठक में लगभग 60 कार्यकर्ताओं से प्रियंका ने बात की। इस बातचीत के ज़रिए प्रियंका ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से गठबंधन को लेकर उनकी राय जाननी चाही। बता दें एक तरफ जहाँ प्रियंका इस मामले पर पूर्वी क्षेत्र के नेताओं से इस बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं, वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पश्चिम क्षेत्र के नेताओं से गठबंधन के बारे में उनकी राय ले रहे हैं।
इस बैठक में पार्टी के लगभग सभी कार्यकर्ताओं ने प्रियंका से गठबंधन को लेकर साफ़तौर पर मना किया। इनका मानना है कि किसी भी तरह के गठबंधन से सबसे ज़्यादा नुक़सान सिर्फ़ कॉन्ग्रेस को ही होता है।
कार्यकर्ताओं में गठबंधन को लेकर चिंता देखते हुए प्रियंका ने सबको आश्वाशन दिया कि 2019 के चुनाव में किसी भी पार्टी से कॉन्ग्रेस गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव कॉन्ग्रेस अकेले लड़ेगी और मोदी सरकार को उखाड़ फेंककर, 2019 में सरकार बनाएगी। प्रियंका ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को कड़ी मेहनत करते हुए कमर कसने की सलाह दी।
बता दें बुधवार को गठबंधन से मना करने वाली प्रियंका की पार्टी ने मंगलवार को ही महान दल के साथ गठबंधन कर लिया है। दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने कॉन्ग्रेस राज्य मुख्यालय पर पार्टी के दोनों सचिवों से मुलाकात करते हुए गठबंधन की पेश की, जिसे मान भी लिया गया। माना जाता है कि महान दल का पश्चिमी यूपी में पिछड़े वर्ग पर असर माना जाता है।
इसके अलावा आपको याद दिला दें कि अभी कुछ दिन ही बीते हैं कि जब अखिलेश ने प्रियंका के पहले रोड शो के बाद कहा था कि सपा का गठबंधन सिर्फ़ बसपा के साथ नहीं है बल्कि आपको बाद में पता चलेगा कि इसमें कॉन्ग्रेस भी शामिल है।