पंजाब में आम आदमी की सरकार होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कानों तक अपनी माँगों को लेकर आवाज उठाने वाले प्रदर्शनकारियों की आवाज न पहुँचे, इसके लिए पंजाब पुलिस डीजे का सहारा लेगी। पंजाब के पुलिस आईजी (विशेष सुरक्षा) ने इसके लिए सभी पुलिस कमिश्नर को बकायदा पत्र भी लिखा है।
बता दें कि पंजाब में शिक्षक 7वें यूजीसी आयोग को लागू करने की माँग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और राज्य ने उनके मुद्दों को हल करने का एक नया तरीका खोज लिया है और वह तरीका है, उनकी आवाज को दबा देना।
इस आदेश को कॉन्ग्रेस नेता सुनील झाकर ने ट्विटर पर साझा किया। झाकर ने आदेश को साझा करते हुए लिखा, “यह सच नहीं हो सकता! लोकतंत्र का अपमान और मजाक।”
It couldn’t be true ! Sacrilegious and a mockery of democracy. pic.twitter.com/f6Z24XZsFJ
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) December 9, 2021
पंजाब के आईजी का आदेश गुरमुखी में लिखा हुआ है। एक ट्विटर यूजर ने इसका अनुवाद शेयर किया, जिसकी पुष्टि ऑपइंडिया ने भी पुष्टि की है। आदेश के सब्जेक्ट में लिखा है, “माननीय मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में।”
— MADHUR MANGAL (@MangalMadhur) December 9, 2021
इस पत्र में कहा गया है, “ऐसा देखने में आता है कि पंजाब के मुख्यमंत्री का जब भी आपके जिलों के किसी कार्यक्रम में होता है तो मुख्यमंत्री के रास्ते में दो अलग-अलग संगठन ऊँची-ऊँची आवाज में नारेबाजी करते हैं। इसलिए भविष्य में जब भी मुख्यमंत्री आपके जिले के किसी कार्यक्रम में आएँ तो उन जगहों पर डीजे लगा दिए जाएँ, जहाँ ये दो संगठन अपनी माँगों को लेकर प्रदर्शन करते हैं। डीजे पर गुरबाणी शबद या धार्मिक गीत चलाए जाएँ, ताकि उनकी आवाज सुनाई न दे।”
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस तरह का फरमान कभी भी जारी नहीं किया गया। अब यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस आदेश को पहले झाकर ने शेयर किया, इसके बाद भाजपा नेता अमित मालवीय ने इसे साझा किया। उन्होंने पंजाब के सीएम से पूछा कि वह विरोध करने वाले शिक्षकों की आवाज दबाने के बजाय उनसे बात क्यों नहीं करते।
Teachers are protesting and raising slogans against Punjab CM Channi. Instead of engaging and listening to them, Punjab’s IG Police (Special Protection) has issued an order to all Police Commissioners to install DJs and play Gurbani to drown out the protest wherever CM visits… pic.twitter.com/7ULT6TFWP3
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 10, 2021
उल्लेखनीय है कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के शिक्षक पिछले कई महीनों से कई माँगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के 184 कॉलेजों में ‘टोटल एजुकेशन बंद’ है। यहाँ के शिक्षक 7वें यूजीसी आयोग के प्रावधानों को राज्य में लागू कराने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब सरकार के खिलाफ शिक्षकों में आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। अगले साल पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए शिक्षकों ने भी अपनी माँगों को लेकर संघर्ष तेज कर दिया है।