कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के आँकड़े हर भाषण में बदल जाते हैं लेकिन आज तक तथाकथित फैक्ट-चेकिंग पोर्टल्स ने कभी उनके दावों में आ रहे विरोधाभाषों के बारे में नहीं बताया। राफेल को लेकर भी अक्सर ऐसा होता था और अब तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के दौरान भी यही हो रहा है। राजस्थान से असम पहुँचते ही राहुल गाँधी के आँकड़े सिर्फ बदले ही नहीं, बल्कि दोगुने हो गए।
राहुल गाँधी शनिवार (फरवरी 13, 2021) को राजस्थान में थे और इस दौरान उन्होंने पीलीभंगा में किसान महापंचायत में हिस्सा लेने के अलावा अजमेर में भी एक ट्रैक्टर रैली में जनसभा को सम्बोधित किया। इस दौरान वो राजस्थानी पगड़ी और वेशभूषा में दिखे। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिजनेस कृषि का है और अगर आप सोचते हैं कि गाड़ी बनाने या हवाई जहाज का बिजनेस सबसे बड़ा है, तो आप ग़लतफ़हमी में हैं।
आगे उन्होंने ‘सबसे ज़रूरी बात’ कहते हुए बताई कि ये दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस है, जो 40 लाख करोड़ रुपए का है। उन्होंने कहा कि ये एक व्यक्ति का बिजनेस नहीं है क्योंकि गाड़ी बनाने के मामले में टाटा सारी गाड़ियाँ बनाता है, महिंद्रा बनाता है। फिर उन्होंने कहा कि कृषि एक ऐसा बिजनेस है, जिसमें मजदूर से लेकर किसान तक सब शामिल हैं। नीचे संलग्न किए गए वीडियो में आप उनका वो भाषण देख सकते हैं।
इसके ठीक 1 दिन बाद राहुल गाँधी पहुँचे असम के शिवसागर में। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गर्म है, ऐसे में उनके आँकड़े भी बदल गए। यहाँ CAA विरोधी नारे लिखे गमछा पहने आए राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार अब तीन ‘खेती के बिल लेकर’ आई है, जिसके बाद पूरा ’80 लाख करोड़ का हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिजनेस’ सिर्फ दो लोगों के हाथ में चला जाएगा।
राहुल गाँधी ने दोनों जगह ये बातें दोहराई कि मोदी सरकार खेती के सिस्टम को ख़त्म करना चाहती है लेकिन कहीं कृषि कानूनों की एक भी खामी नहीं गिना पाए। गिनाया भी तो वही उल्टी-सीधी चीजें कि उद्योगपति जब जहाँ जैसे चाहेंगे, वो किसानों की फसल ‘छीन’ लेंगे। ऊपर संलग्न किए गए दोनों वीडियो कॉन्ग्रेस पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल के हैं, जिनका लाइव प्रसारण किया गया था। राजस्थान का आँकड़ा असम में दोगुना हो गया।
1 din me paisa double 🤣 pic.twitter.com/yp3JbMQwbR
— Naweed (@Spoof_Junkey) February 15, 2021
इसी तरह नवंबर 2016 में, राहुल गाँधी ने दावा किया था कि मोदी सरकार ने तब बड़े उद्योगपतियों के 1.1 लाख करोड़ रुपए के ऋण माफ कर दिए थे। 2017 में गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार के दौरान, राहुल गाँधी ने बेवजह इस आँकड़े को 20,000 करोड़ रुपए और बढ़ाकर 1.3 लाख करोड़ रुपए कर दिया। कर्नाटक में, उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर एक और शानदार आँकड़ा हासिल किया था- 2.5 लाख करोड़ रुपए जो कि माफ कर दिए गए थे।