कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी कोरोना हॉटस्पॉट को लेकर झूठ बोलते पकड़े गए हैं। उन्होंने रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के निर्धारण को लेकर गुमराह करने की कोशिश की है। कोरोना संक्रमण के हिसाब से ये जोन तय किए गए हैं।
शुक्रवार (8मई, 2020) को वायनाड से सांसद राहुल गाँधी ने दावा किया कि कोरोनोवायरस प्रभावित क्षेत्रों का रेड जोन (जहॉं संक्रमण बेहद ज्यादा है), ऑरेंज और ग्रीन जोन (जहॉं संक्रमण का कोई मामला नहीं है) में वर्गीकरण राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये ज़ोन राज्य स्तर पर DM और CM की सलाह पर तय होने चाहिए। साथ ही कहा कि ज़ोन पर केंद्र सरकार एकतरफा निर्णय ले रही है।
राहुल गाँधी ने दावा किया कि कॉन्ग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उन्हें बताया है कि केंद्र ने कई ग्रीन जोन को रेड जोन और रेड को ग्रीन जोन घोषित कर रखा है।
Red, orange & Green zones have been demarcated at National level. These zones should be decided at state levels involving District Magistrates. Our CMs are saying that the areas which are red zones at national level are actually green zones & vice versa: Rahul Gandhi #COVID19 pic.twitter.com/hWKsvWMCfe
— ANI (@ANI) May 8, 2020
भारत में 4 मई को 2 सप्ताह के लिए और लॉकडाउन को बढ़ाया गया था। विशिष्ट क्षेत्रों के अनुसार महत्वपूर्ण छूट दी गई थी। प्रेस नोट में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने इस अवधि में विभिन्न गतिविधियों को विनियमित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनके अनुसार देश के विभिन्न जिलों को रेड (हॉटस्पॉट), ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन के आधार पर छूट दिए गए हैं।
MHA के पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ज़ोन जिलों के फीडबैक के अनुसार तय किए गए हैं। यह भी कहा गया कि वर्गीकरण के बारे में राज्य के अधिकारियों के साथ क्षेत्रों की साप्ताहिक समीक्षा भी की जाएगी।
आपको बता दें, जहाँ 1 भी संक्रिमत केस अभी तक नहीं आए है या फिर पिछले 21 दिनों से अगर किसी एरिया में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है उन्हें ही ग्रीन जोन में रखा गया है। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रेड, ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन के वर्गीकरण की हर हफ्ते समीक्षा की जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि राज्यों को उनके मौजूदा हालातों को देखते हुए रेड और ऑरेंज ज़ोन में जोड़ा जा सकता है।
इसके अलावा पीएम, गृह मंत्रालय और राज्यों के सीएम के बीच कई बैठकों के बाद लॉकडाउन और उसके बाद के कदम उठाए गए हैं। इसलिए यह दावा झूठ है कि सरकार के फैसले एकतरफा हैं।
यह स्पष्ट है कि रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के सीमांकन का निर्णय केंद्र सरकार ने राज्य के अधिकारियों के परामर्श से लिया था। तात्पर्य यह है कि राज्य सरकार द्वारा इसके बारे में जानकारी दिए जाने के बाद ही किसी क्षेत्र को रेड जोन के रूप में चिह्नित किया गया है।
राहुल गाँधी के अनेकों झूठ
ये कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले भी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को धोखा देने वाले 50 विलफुल डिफॉल्टरों की सूची जारी करने के बाद राहुल गाँधी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला किया था। इन 50 डिफॉल्टरों में फरार मेहुल चौकसी और भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की कंपनियाँ भी शामिल थीं।
घटना के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गांधी को उनके झूठे दावों के साथ, “लोगों को गुमराह करने” का प्रयास बताते हुए उन्हें आइना भी दिखाया था।
राहुल गाँधी को पिछले साल सुप्रीम कोर्ट से भी माफी माँगनी पड़ी थी। उन्होंने आम चुनावों के दौरान राफेल पर मोदी सरकार को घेरने के लिए शीर्ष अदालत का हवाला देकर झूठ बोला था। डोकलाम गतिरोध, मोबाइल कारखानों से लेकर राफेल फाइटर जेट सौदे के लिए राहुल गाँधी हमेशा झूठ पर झूठ बोलते ही रहते हैं।