Friday, November 15, 2024
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तेल के दाम को लेकर राहुल गाँधी ने करवाई अपनी बेइज्जती: कॉन्ग्रेस नेता ने ही समझाया WTI और ब्रेंट क्रूड का अंतर

भारत कच्चे तेल का सबसे बड़ा इम्पोर्टर है और देखा जाए तो यहाँ 85% तेल आयात से ही आता है। कच्चे तेल में गिरावट डब्ल्यूटीआई के भाव में देखने को मिली है जबकि भारत ब्रेंट क्रूड की सप्लाई पर निर्भर है- इस छोटी सी बात को राहुल गाँधी समझ नहीं पाए।

दुनिया भर में क्रूड आयल के दाम घट रहे हैं और इसी बहाने विपक्ष भारत सरकार पर निशाना साधने में लगा हुआ है। 34 साल बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि कच्चे तेल के भाव 0 यानी जीरो से भी नीचे चले गए हैं। अमेरिका सहित विश्व के अन्य हिस्सों में भी कच्चे तेल की माँग काफ़ी कम हुई है, जिसका परिणाम है कि भाव में जम कर गिरावट हुई है। अधिकतर देश लॉकडाउन में हैं और कोरोना संक्रमण की आपदा के कारण गाड़ियाँ निकल नहीं रहीं, इसीलिए तेल की माँग ही ख़त्म हो गई है। अब आते हैं राहुल गाँधी के आरोपों पर।

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने पूछा कि दुनिया में कच्चे तेल की क़ीमतें अप्रत्याशित आँकड़ो पर आ गिरी हैं, फिर भी हमारे देश में पेट्रोल ₹69, डीज़ल ₹62 प्रति लिटर क्यों मिल रहा है? उन्होंने आगे कहा कि इस विपदा में जो दाम घटे, सो अच्छा। कब सुनेगी ये सरकार? राहुल गाँधी ने ये बयान तो दे दिया लेकिन शायद वो तेल के भाव गिरने की ख़बर को ठीक से पढ़ नहीं पाए। दरअसल, ‘अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI)’ की कीमतों में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है, जिससे राहुल गाँधी भ्रमित हो गए।

भारत कच्चे तेल का सबसे बड़ा इम्पोर्टर है और देखा जाए तो यहाँ 85% तेल आयात से ही आता है। कच्चे तेल में गिरावट डब्ल्यूटीआई के भाव में देखने को मिली है जबकि भारत ब्रेंट क्रूड की सप्लाई पर निर्भर है- इस छोटी सी बात को राहुल गाँधी समझ नहीं पाए। ब्रेंट का भाव अब भी 20 डॉलर से ऊपर बना हुआ है, इसीलिए भारत को इससे कुछ राहत नहीं मिली है और डब्ल्यूटीआई में कीमतें कम होने से यहाँ तेल सस्ता नहीं हो जाएगा। राहुल गाँधी की ही पार्टी के नेता मिलिंद देवड़ा ने यही चीज समझाने की कोशिश की।

भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने कहा कि राहुल को अपने ही साथी देवड़ा से सीखना चाहिए। देवड़ा ने बताया कि भारत आयात के मामले में ब्रेंट क्रूड पर निर्भर है, डब्ल्यूटीआई पर नहीं। उन्होंने जानकारी दी कि माँग कमजोर होने के कारण भारत के लिए अब तेल के आयात में कमी आएगी। उन्होंने लिखा कि पेट्रोल और डीजल के भाव में कमी होने का ग्राहकों को कोई फायदा नहीं मिल पाएगा। हालाँकि, अपनी बेइज्जती होने के बावजूद राहुल गाँधी ने ट्वीट डिलीट नहीं किया।

हाल ही में एक और मामले में कॉन्ग्रेस आईटी सेल ने राहुल गाँधी को शुभकामनाएँ देते हुए एक ट्वीट किया और ट्वीट में बताया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायनाड में कोरोना वायरस रोकने के प्रयासों व तरीकों की प्रशंसा की है। राहुल ने भी इस फेक न्यूज़ को आगे बढ़ाया। उन्होंने सरकार पर कोरोना वायरस को लेकर निर्णायक कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया था और कहा था कि उसकी (सरकार की) ‘अक्षमता’ की भारत को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि कोरोना वायरस की समस्या से निपटने के लिए तेजी से कदम उठाने चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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