एक लम्बे अरसे से कॉन्ग्रेस में अध्यक्ष पद और पार्टी में राहुल गाँधी के रोल को लेकर चर्चा बंद थीं। लेकिन हर चुनाव नतीजे के बाद यह कॉन्ग्रेस द्वारा नियमित रूप से दोहराए जाने वाली बात बनती जा रही है। यह भी देखा गया है कि जब भी राहुल गाँधी को पार्टी में फिर से कोई बड़ी जिम्मेदारी देने की बात आती है तो देश की सबसे पुरानी पार्टी कॉन्ग्रेस का कोई वरिष्ठ नेता ही पहल करते हुए देखा जाता है। इस बार यह पहल सलमान खुर्शीद ने की है।
कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने शनिवार (फरवरी 22, 2020) को कहा है कि कॉन्ग्रेस पार्टी में एक बड़ा धड़ा हमेशा महसूस करता है कि राहुल गाँधी को पार्टी का अध्यक्ष बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह शीर्ष नेता हैं। यह पूछे जाने पर कि गाँधी परिवार अब भी कॉन्ग्रेस का आधार है? तो उन्होंने कहा कि सच्चाई यही है, जिससे आप हट नहीं सकते हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान सलमान खुर्शीद ने कहा कि कॉन्ग्रेस ‘संक्रमणकालीन प्रक्रिया’ से गुजर रही है और राहुल को यह निर्णय अपने हिसाब से करने देना चाहिए। साथ ही सलमान खुर्शीद ने यह भी कहा कि पार्टी में नेतृत्व का कोई संकट नहीं है क्योंकि सोनिया गाँधी कमान संभाल रही हैं।
सलमान खुर्शीद का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कॉन्ग्रेस के ही कुछ अन्य बड़े नेता नेतृत्व के मुद्दे पर बात करते देखे जा रहे हैं। शशि थरूर ने भी बृहस्पतिवार को कॉन्ग्रेस कार्य समिति से ‘कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए’ नेतृत्व का चुनाव कराने का आग्रह किया था।
इससे पूर्व दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र और कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित भी एक इंटरव्यू में कहते देखे गए कि इतने महीनों के बाद भी कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता नया अध्यक्ष नहीं नियुक्त कर सके हैं।
पार्टी नेतृत्व पर शशि थरूर और अन्य नेताओं के दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा, ‘‘हमने अतीत में चुनाव कराया था। हमारे पास ऐसे भी लोग हैं जो कहते हैं कि जरूरी नहीं कि चुनाव बेहतर विकल्प हों। दो तरह के विचार हैं। जब हम उस बिंदू पर पहुँचेंगे, तब हम इस बारे में तय कर लेंगे।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे मसलों पर मीडिया में बातचीत करने से कॉन्ग्रेस को मदद नहीं मिलेगी। खुर्शीद से जब यह सवाल किया गया कि क्या राहुल गाँधी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे बेहतर उम्मीदवार हैं? तो उन्होंने जवाब में कहा, ‘‘हम सबने ऐसा कहा है। अब यह पत्थर की लकीर है, यह स्पष्ट है। लेकिन अगर हम उन्हें अपना नेता स्वीकार करते हैं तो इसका निर्णय उन्हें अपने हिसाब से करने दें। हम उन पर अपना विचार क्यों थोपना चाहते हैं?’’
खुर्शीद ने कहा कि अगर आपको विश्वास है कि राहुल गाँधी एक नेता हैं तो आपको कुछ निर्णय उन पर ही छोड़ने होंगे। चुनावों में मिल रही हार के विषय पर खुर्शीद ने कहा कि उन पर समय मत थोपिए, निर्णय उन पर नहीं थोपना चाहिए, उन्हें निर्णय करने दीजिए।
उन्होंने कहा कि वह (राहुल गाँधी) शीर्ष नेता है और कोई शीर्ष नेता नहीं है। लेकिन कई और नेता हैं जिनका अपना महत्व है।’’ इसके लिए खुर्शीद ने तर्क देते हुए कहा कि चूँकि कॉन्ग्रेस का विरोध करने वाले दल लगातार किसी अन्य नेता के मुकाबले राहुल गाँधी पर ही ज्यादा हमला करते हैं इससे यही साबित होता है कि वह शीर्ष नेता हैं।