पश्चिम बंगाल में राजनीतिक पारा और कोरोना संक्रमण अपने उफान पर है। इसी बीच कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने रविवार को ट्वीट कर घोषणा कि वह कोरोना संक्रमण की वजह से बंगाल में होने वाली अपनी सभी रैलियाँ रद्द कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”कोविड संकट को देखते हुए, मैंने पश्चिम बंगाल की अपनी सभी रैलियाँ रद्द करने का निर्णय लिया है। राजनैतिक दलों को सोचना चाहिए कि ऐसे समय में इन रैलियों से जनता व देश को कितना खतरा है।”
कोविड संकट को देखते हुए, मैंने पश्चिम बंगाल की अपनी सभी रैलियाँ रद्द करने का निर्णय लिया है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 18, 2021
राजनैतिक दलों को सोचना चाहिए कि ऐसे समय में इन रैलियों से जनता व देश को कितना ख़तरा है।
हाल के दिनों में देश में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के कारण चुनावी रैलियाँ गहन जाँच के दायरे में आई हैं। विपक्षी दलों ने अपनी रैलियों पर चुप्पी साधते हुए भाजपा को निशाना बनाया है। वह इमोशन कॉर्ड खेलते हुए यह जताने का प्रयास कर रहे हैं कि कोरोना के बढ़ते मामलों को नजरअंदाज कर भाजपा भीड़ को आकर्षित करने में जी जान लगा रही है।
वहीं, राहुल गाँधी ने स्पष्ट रूप से लोगों की भावनाओं से खेलने की कोशिश की। हालाँकि, इस मामले में कॉन्ग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी राहुल गाँधी के विचारों से इत्तेफाक न रखते हुए भीड़ में शामिल हो रहे हैं। यह एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है।
জোট সমর্থিত কংগ্রেসের প্রার্থী মোশারফ হোসেনের সমর্থনে আজ নওদাতে এক সভায় pic.twitter.com/BqJY1b0xZP
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) April 18, 2021
अधीर रंजन चौधरी ने नौडा विधानसभा सीट पर अपनी रैली की तस्वीरें साझा की हैं। यहाँ उन्होंने रैली को संबोधित किया। दरअसल, कॉन्ग्रेस पार्टी बंगाल में वाम मोर्चा और अब्बास सिद्दीकी की आईएसएफ पार्टी के साथ गठबंधन में है। उन्होंने मालदा में भी एक अन्य उम्मीदवार के समर्थन में रैली को संबोधित किया और उसकी तस्वीरें अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर की हैं।
মালদা বিধানসভা কেন্দ্রের জোট সমর্থিত কংগ্রেসের প্রার্থী ভূপেন্দ্রনাথ হালদারের সমর্থনে আজ মালদাতে এক সভায় pic.twitter.com/EhjINOgNWD
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) April 18, 2021
इस प्रकार यह स्पष्ट हो गया है कि राहुल गाँधी द्वारा पश्चिम बंगाल में अपनी चुनावी रैलियों को रद्द करने की घोषणा महज सोशल मीडिया पर वाहवाही लूटने की एक योजना प्रतीत होती है। जमीनी वास्तविकता इसके बिल्कुल उलट है। तृणमूल कॉन्ग्रेस ने भी इसी तरह की रणनीति अपनाई है, जहाँ वे ट्विटर पर अपनी रैलियों की तस्वीरें अपलोड करने से बचते हैं, वहीं राज्य में उनका चुनावी आयोजन बदस्तूर जारी रहता है।
बता दें, पश्चिम बंगाल की 294 सीटों के लिए 8 फेज में वोटिंग होनी है। अब तक 5 फेज की वोटिंग हो चुकी है। अभी तीन फेज की वोटिंग बाकी है। छठे फेज में 43 सीटों के लिए 22 अप्रैल को वोटिंग होगी। चुनाव के नतीजे 2 मई को घोषित होंगे।