कॉन्ग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे राहुल गाँधी ने लोकसभा चुनाव 2024 में 2 सीटों से जीत दर्ज की – केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली। उन्हें दोनों ही सीटों पर जीत मिली। अब राहुल गाँधी ने फैसला लिया है कि वो वायनाड सीट छोड़ देंगे और रायबरेली अपने पास रखेंगे। वहीं वायनाड की रिक्त सीट पर कॉन्ग्रेस की तरफ से उनकी बहन प्रियंका गाँधी को लड़ाने का फैसला लिया गया है। वायनाड में मुस्लिमों की अच्छी-खासी जनसंख्या है और IUML (इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग) कॉन्ग्रेस का समर्थन करती है।
राहुल गाँधी ने रायबरेली में 3.90 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। जहाँ उन्हें 6.87 लाख वोट प्राप्त हुए थे, वहीं उनके सामने खड़े भाजपा के दिनेश प्रति सिंह को 2.97 लाख वोटों से संतोष करना पड़ा था। रायबरेली सीट से 13 बार नेहरू-गाँधी परिवार ने जीत दर्ज की है। इंदिरा गाँधी यहाँ से 3 बार सांसद रहीं, जबकि उनके पति फिरोज गाँधी भी 2 बार जीते थे। सोनिया गाँधी ने यहाँ से लगातार 5 बार जीत दर्ज की। 1999 से ही ये सीट कॉन्ग्रेस के कब्जे में है।
वहीं वायनाड की बात करें तो अबकी राहुल गाँधी ने यहाँ से 3.64 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। पिछली बार वो यहाँ से 4.31 लाख वोटों से जीते थे। अबकी राहुल गाँधी के सामने CPI के उम्मीदवार एनी राजा 2.83 लाख वोटों पर ही रुक गए। वहीं भाजपा के K सुरेंद्रन 1.41 लाख वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। अब प्रियंका गाँधी यहाँ से लड़ेंगी। वायनाड जिले में मुस्लिमों की जनसंख्या 30% के आसपास है, ऐसे में कॉन्ग्रेस को उनका समर्थन जीत दिलाता है।
I have an emotional relationship with Raebareli and the people of Wayanad.
— Congress (@INCIndia) June 17, 2024
In the last 5 years, the people of Wayanad stood with me and gave me energy to fight in a very difficult time.
I will stand by the commitments that we've made. We will deliver on those commitments.
I'm… pic.twitter.com/gT4cZtCQOb
राहुल गाँधी ने कहा कि रायबरेली और वायनाड से उनका भावनात्मक रिश्ता है, पिछले 5 साल वो वायनाड से सांसद थे और उन्हें वहाँ सभी ने बहुत प्यार दिया। जनता का धन्यवाद जताते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि उनकी बहन प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने वादा किया कि हम मिलकर वायनाड से किए हर वादे को पूरा करेंगे। उत्तर प्रदेश में भाजपा इस बार 64 से सीधे 33 सीटों पर आ गई है, ऐसे में विपक्ष का पूरा जोर यहाँ भाजपा को और कमजोर करने में लगा हुआ है।