Sunday, November 17, 2024
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जिस आसिफ पर हिन्दुओं से हिंसा का आरोप, वो अशोक गहलोत की रोजा-इफ्तार पार्टी में पहुँचा: जमानत पर है बाहर

वहीं बारां के SP कल्याणनल मीणा ने इस पर बयान देते हुए कहा, "हमें इफ्तार पार्टी में आमंत्रित लोगों की सूची नहीं दी गई। आसिफ अली पर छाबड़ा हिंसा का आरोप है लेकिन वह जमानत पर बाहर है। उन्हें वहाँ किसने आमंत्रित किया, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है।"

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जयपुर स्थित निवास पर शनिवार (23 अप्रैल, 2022) को हुई रोज़ा इफ्तार पार्टी में छाबड़ा हिंसा के मुख्य आरोपित आसिफ असाढ़ी भी शामिल हुआ। पूरे कार्यक्रम के दौरान आसिफ ना सिर्फ सीएम हाउस पर मौजूद रहा, बल्कि मंत्रियों और कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ जमकर तस्वीरें भी खिंचवाईं। अब आसिफ की सीएम हाउस में रोज़ा इफ्तार पार्टी में मौजूदगी को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

पूर्व मंत्री व छबड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने छाबड़ा हिंसा आरोपित के मुख्यमंत्री की रोज़ा इफ्तार पार्टी में मौजूदगी को चिंता का विषय बताया है। उन्होंने कहा कि छाबड़ा हिंसा का मुख्य आरोपित सीएम आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में मौजूद था। यह चिंता का विषय है और इसकी जाँच होनी चाहिए कि उन्हें सीएम आवास में प्रवेश की अनुमति क्यों दी गई। यह सीएम की सुरक्षा से समझौता है।

सिंघवी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को टैग करते हुए एक ट्वीट भी किया है। इसमें उन्होंने अखबार के पन्नों का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है, “विडंबना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजकीय आवास पर सांप्रदायिक दंगों के आरोपित की मेजबानी की जा रही है! क्या इसके पीछे तुष्टिकरण से निकले वोट हैं? कॉन्ग्रेस की ऐसी सोच निहायत शर्मनाक व बहुसंख्यक समाज के लिए अपमानजनक है। जनता सब देख रही है, समय आने पर सारा हिसाब होगा।”

इससे पहले उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था, “माननीय मुख्यमंत्री जी, यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि छबड़ा हिंसा का मुख्य आरोपित आसिफ असाढ़ी आज आपके द्वारा दी गई इफ्तार पार्टी में शरीक हुआ। इंटेलिजेंस विंग को चाहिए कि ऐसे अपराधियों को इफ्तार पार्टी में जगह कैसे मिल गई इसका पता करे।”

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपने ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री गहलोत पर भी निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “कॉन्ग्रेस का यह कैसा राज। PFI से प्यार, बहुसंख्यक को दुत्कार, मुख्यमंत्री निवास में इफ्तार, दंगे आरोपितों को बुलाकर करते हैं दुलार, करौली में आरोपियों को बचाने की कवायद, अलवर जिले में शिवमंदिर, गोशाला से एतराज़।”

बीजेपी द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद राजस्थान के मंत्री महेश जोशी ने कहा, “सीएम आवास पर इफ्तार पार्टी में हजारों की संख्या में लोग जमा थे। हमें इस मुद्दे से आगे बढ़ना चाहिए। कोई भी मेरे साथ फोटो क्लिक कर सकता है, लेकिन अगर वह कानून का उल्लंघन कर रहा है तो उसे सजा मिलनी चाहिए।”

वहीं बारां के SP कल्याणनल मीणा ने इस पर बयान देते हुए कहा, “हमें इफ्तार पार्टी में आमंत्रित लोगों की सूची नहीं दी गई। आसिफ अली पर छाबड़ा हिंसा का आरोप है लेकिन वह जमानत पर बाहर है। उन्हें वहाँ किसने आमंत्रित किया, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है।”

क्या है छबड़ा हिंसा

राजस्थान के बारां जिले के छबड़ा में 11 अप्रैल 2021 को सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। छबड़ा कस्बे में दो युवकों की छुरा घोंपकर हत्या के बाद भड़की सांप्रदायिका हिंसा के दौरान दर्जनों वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ के साथ आगजनी की गई थी। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए इंटरनेट को बंद कर दिया था और साथ ही कर्फ्यू लगा दिया था। पूरे घटनाक्रम को लेकर हस्सान खान पार्षद, आसिफ असाढ़ी, आलम मंसूरी, शकील अहमद व राजा खान को आरोपित बनाया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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