राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच की अंदरूनी खटास एक बार फिर से खुलकर सामने आ गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि गहलोत ने पायलट पर ताजा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि वह 2020 में राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार को गिराने के लिए प्रयास कर रहे थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर ये जुबानी हमला केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत के एक बयान के बाद किया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा था कि पायलट ने मौके को गँवाया न होता तो सरकार बदल गई होती। इसके अलावा पानी भी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के जरिए प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में पहुँच गया होता।
इसी बयान को आधार बनाकर अब अशोक गहलोत अपने ही पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट पर निशाना साध रहे हैं। सीकर के कोठ्यारी में अशोक गहलोत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सभी को पता है कि आप ही ने सरकार को गिराने की साजिश की थी। अब कह रहे हैं कि पायलट ने मौका गँवा दिया। आप खुद उनके साथ मिले हुए थे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बयान के बाद एक बार फिर से पायलट और गहलोत खेमे की फूट खुलकर सामने आ गई है। आशंका इस बात की भी है कि दोनों नेताओं में कोल्ड वॉर फिर से शुरू हो सकता है।
गौरतलब है कि जुलाई 2020 में गहलोत सरकार की मुश्किलें तब बढ़ गई थीं, जब पायलट ने 30 विधायकों के अपने साथ होने का दावा किया था। खबर आई थी कि वो विधायक दल की बैठक में नहीं जाएँगे। हालाँकि, बाद में गाँधी परिवार से मेल मुलाकात के बाद पायलट मान गए थे। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की खबरों का भी खंडन किया था।
महाराष्ट्र संकट में फँसी कॉन्ग्रेस
कब खत्म होगा कॉन्ग्रेस का दुख? उधर राजस्थान में कॉन्ग्रेसी मुख्यमंत्री अपनी ही पार्टी के नेता के बागी स्वभाव से दुखी हैं तो महाराष्ट्र में अपने सियासी साथी दल के नेता के की बदहाली पर कॉन्ग्रेसी मंत्री रोए जा रहे हैं। राष्ट्रपति शासन जैसे बड़े-बड़े शब्द फेंक कर कुर्सी बचाने की भीख माँग रहे हैं लगभग।
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट में शिव सैनिक गुंडों द्वारा हिंसा की खबरों को लेकर कॉन्ग्रेस नेता और राज्य के मंत्री नितिन राउत (Nitin Raut) ने कहा था कि अगर शिवसेना को कुछ हुआ तो मुंबई जलेगी। मुंबई में अलर्ट पर राउत ने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि शिवसैनिकों की हिंसा का बहाना बनाकर केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन न लगा पाए। नितिन राउत के मुताबिक, उद्धव गुट के समर्थक शिवसैनिकों को हिंसा करने से नहीं रोका गया तो केंद्र को सही मौका मिल जाएगा और वो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देगी।