करौली में पुजारी की हत्या को लेकर बीजेपी की आलोचनाओं का सामना कर रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अब उनके ही एक विधायक ने मोर्चा खोल दिया है। कॉन्ग्रेसी विधायक बाबूलाल बैरवा का अपनी ही सरकार पर जमकर गुस्सा फूटा है। कॉन्ग्रेस के एक दलित विधायक ने आरोप लगाया है कि सरकार में न तो दलित विधायकों की बात सुनी जाती है और न ही कर्मचारियों की कोई सुनवाई होती है। उन्होंने कहा कि सरकार में जो ब्राह्मण मंत्री बैठे हुए हैं वह दलितों के काम नहीं करते हैं।
कठूमर विधानसभा क्षेत्र से आने वाले कॉन्ग्रेस के विधायक बाबूलाल बैरवा ने अशोक गहलोत सरकार पर ये बड़ा आरोप लगाया है। बैरवा ने कहा, “जब भी मैं दलितों के काम के लिए कोई कागज देता हूँ वह काम नहीं होता है। अभी स्वास्थ्य विभाग में ही 4 ट्रांसफर दिए थे, जिसमें से एक ब्राह्मण थे और 3 दलित थे। ब्राह्मण का टाइटल देखकर उसका ट्रांसफर कर दिया गया, जबकि तीनों दलितों का ट्रांसफर नहीं हुआ।”
कठूमर विधायक ने ये भी कहा कि राहुल गाँधी कहते हैं कि बीजेपी दलितों और अल्पसंख्यकों को इंसान नहीं समझती है मगर यहाँ भी कॉन्ग्रेस सरकार में यही हाल है तो क्या कहेंगे। विधायक बाबूलाल बैरवा ने कहा कि सरकार बचाने के लिए हमने सचिन पायलट का साथ छोड़कर अशोक गहलोत का साथ दिया था, जबकि सचिन पायलट का मेरे ऊपर बड़ा एहसान था। पायलट ने ही टिकट दिया था और पायलट ने ही वोट दिलवाए थे। बैरवा ने कहा, “मैं गुर्जरों के वोट से जीता हूँ, अशोक गहलोत के सैनी और माली वोट मुझे मिले ही नहीं थे।” बैरवा ने कहा कि कॉन्ग्रेस को दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग ने ही वोट दिया था बाकी सब मोदी की तरफ चले गए थे।
कॉन्ग्रेस विधायक ने इस संबंध में राहुल गाँधी को पत्र लिखा है। एक बातचीत में चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा व उर्जा मंत्री डॉ.बीडी कल्ला पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि ये दोनों दलित विधायकों व दलित कर्मचारियों के काम नहीं करते हैं । उन्होंने कहा, “मैं 46 साल से राजनीति में हूँ, इंदिरा गाँधी के साथ जेल गया। लेकिन सरकार में हमें प्राथमिकता नहीं मिलती और दूसरी बार विधायक बने रघु शर्मा को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया।”
कॉन्ग्रेस विधायक का अपनी सरकार पर सवाल उठाना राजस्थान में पार्टी की अंतर्कलह को एक बार उजागर कर रही है। हाल ही में सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर के खिलाफ केस किया गया था, जिसके बाद फिर से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनातनी के तौर पर देखा गया था। अब जबकि पार्टी के ही दलित विधायक ने अशोक गहलोत सरकार पर सवाल उठाते हुए सचिन पायलट की तारीफ की है तो ऐसे में इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि मामला दूर तक जाएगा।
बता दें कि कुछ वक्त पहले ही सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के साथ बागी हो गए थे जिससे गहलोत सरकार पर संकट आ गया था। हालाँकि, बाद में पायलट को मना लिया गया, लेकिन अब फिर से सब कुछ सही नजर नहीं आ रहा है।