Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाज'लाल डायरी' पर राजस्थान में घमासान: जिसे गहलोत ने किया बर्खास्त उन्हें विधानसभा में...

‘लाल डायरी’ पर राजस्थान में घमासान: जिसे गहलोत ने किया बर्खास्त उन्हें विधानसभा में घुसने नहीं दिया, रोते हुए बोले- कॉन्ग्रेस के मंत्रियों ने पटका, लात-घूँसों से पीटा

वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि जैसे ही राजेंद्र सिंह गुढ़ा विधानसभा के द्वार पर पहुँचे, वहाँ पहले से जमा मार्शलों ने उन्हें घेर लिया।

राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मार्शलों द्वारा सदन से बाहर निकाल दिया गया, इस दौरान उनके साथ धक्कामुक्की भी की गई। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने मंत्री रहते अपनी ही सरकार को आईना दिखाते हुए कहा था कि राजस्थान महिलाओं के खिलाफ अपराध में नंबर-1 राज्य बन गया है। विधानसभा में ये बयान देने के कुछ ही घंटों बाद खबर आई कि उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। अब बल प्रयोग कर के उन्हें विधानसभा से भी बाहर निकाल दिया गया।

सोमवार (24 जुलाई, 2023) को राजेंद्र सिंह गुढ़ा को जयपुर स्थित विधानसभा में घुसने भी नहीं दिया गया। मीडिया से बात करने के दौरान वो फूट-फूट कर रो पड़े। उन्होंने बताया कि 50 लोगों ने उन पर हमला बोला, उनपर मुक्के चलाए और उन्हें लात मारी। उन्होंने बताया कि कॉन्ग्रेस नेताओं ने उन्हें विधानसभा से बाहर खींच लिया। उन्हें अपनी बात रखने का भी मौका नहीं दिया गया। उन पर भाजपा के साथ होने के आरोप लगाए गए। पूर्व मंत्री ने पूछा कि आखिर उनकी गलती क्या है?

वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि जैसे ही राजेंद्र सिंह गुढ़ा विधानसभा के द्वार पर पहुँचे, वहाँ पहले से जमा मार्शलों ने उन्हें घेर लिया। बार-बार मिन्नतें करने और कोशिश करने के बावजूद उन्हें भीतर नहीं घुसने दिया गया। बता दें कि शून्यकाल में ‘लाल डायरी’ को लेकर विधानसभा में बहस हुई। वो ‘लाल डायरी’ लहराते हुए विधानसभा अध्यक्ष CP जोशी के आसन के पास पहुँच गए थे। स्पीकर ने उन्हें अपने कक्ष में आने के लिए भी कहा था।

राजेंद्र सिंह गुढ़ा की राजस्थान के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के साथ भी बहस हुई। उन्होंने ‘लाल डायरी’ के संबंध में खुलासा करने के संबंध में चेताया था। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि बार-बार समय माँगने के बावजूद स्पीकर उन्हें ‘लाल डायरी’ टेबल पर रखने का समय नहीं दे रहे थे। उन्होंने बताया कि मंत्री पद से उन्हें हटा दिया गया है, बतौर विधायक उन्हें बोलने का अधिकार है। उन्होंने बताया कि कॉन्ग्रेस के मंत्रियों ने उन्हें नीचे पटक दिया, एकाध लात शांति धारीवाल ने मारा और महेश जोशी ने भी उन्हें पीटा।

उन्होंने बताया कि 2008 में भी उन्होंने 6 विधायकों के साथ कॉन्ग्रेस की मदद की थी। उन्होंने बताया कि उनसे वो ‘लाल डायरी’ भी छीन ली गई। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ राज्य में अपराध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य बदनाम हो गया है और बलात्कारियों को हमारे लोग मदद कर रहे हैं – विधानसभा में उन्होंने यही बात कही थी। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस में ऐसे लोग बैठे हैं, जिनके ऊपर फ़िल्में बन रही हैं। बता दें कि अजमेर रेप काण्ड पर अजमेर 92′ फिल्म आई है, जिसके आरोपित कॉन्ग्रेस नेता ही थे।

गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालय सँभाल चुके राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि उन्हें विधायक के लिए कुर्सी तक अलॉट नहीं की थी। उन्होंने पूछा कि अगर डायरी में कुछ नहीं था तो आखिर छीना क्यों गया? बता दें कि राजेंद्र गुढ़ा ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें उस लाल डायरी को नष्ट करने के लिए कहा था। विपक्ष आरोप लगा रही है कि उसमें भ्रष्टाचार का हिसाब-किताब है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

घर की बजी घंटी, दरवाजा खुलते ही अस्सलाम वालेकुम के साथ घुस गई टोपी-बुर्के वाली पलटन, कोने-कोने में जमा लिया कब्जा: झारखंड चुनावों का...

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बीते कुछ वर्षों में चुनावी रणनीति के तहत घुसपैठियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -