प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (19 नवंबर 2021) देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानून की वापसी का ऐलान किया। इसके बाद अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। आंदोलनरत किसान संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। हालाँकि भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने तत्काल आंदोलन वापस लेने से इनकार किया है।
टिकैत ने एक ट्वीट के जरिए यह बात करते हुए केंद्र सरकार के सामने एक शर्त भी रख दी है। उन्होंने लिखा, “आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।”
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें : @RakeshTikaitBKU#FarmersProtest
वहीं भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने कहा, “मैं इस कदम का स्वागत करता हूँ। 75 साल से किसान विरोधी नीतियों के चलते कर्ज के कारण किसानों की मौत हो गई। मैं पीएम मोदी से एक कृषि समिति बनाने और फसल की दरें तय करने का आग्रह करता हूँ। आज की घोषणा की तरह ही किसानों का कर्ज एक दिन में माफ हो।”
I welcome this move. Due to anti-farm policies for 75 years, farmers died due to debts. I urge PM Modi to form a farm committee and let it decide crop rates. Farmers’ loans should be waived off in a day through an announcement like today’s: Bhanu Pratap Singh, BKU-BHANU President pic.twitter.com/GFMdKx39fR
— ANI (@ANI) November 19, 2021
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने आंदोलनरत किसानों से अपने-अपने घर लौटने का आग्रह किया था। साथ ही किसानों के एक वर्ग को इन कानूनों के बारे में नहीं समझा पाने के लिए देश से माफी भी माँगी थी। उन्होंने कहा था, “मैं देश वासियों से क्षमा माँगते हुए, सच्चे मन से कहना चाहता हूँ कि हमारे प्रयास में कमी रही होगी कि हम उन्हें समझा नहीं पाए। आज गुरु नानक जी का पवित्र प्रकाश पर्व है। आज मैं आपको यह बताने आया हूँ कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। मेरी किसानों से अपील है कि अपने घर लौटें, खेतों में लौटें।”