तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने राम कथा के दौरान राम जन्मभूमि आंदोलन और 90 के दशक की घटनाओं को याद किया। आगरा के कोठी मीना बाजार में कथा के पाँचवे दिन जगदगुरु ने कहा कि याचना नहीं अब रण होगा, संग्राम महाभीषण होगा। 1990 की घटना हम भूले नहीं हैं और न कभी भूल पाएँगे। हमने किसी का अपमान नहीं किया लेकिन हमारे धर्मग्रंथों का अपमान हुआ। हिंदुत्व का भी अपमान हुआ।
रामभद्राचार्य ने कहा, “निहत्थे राम भक्तों पर गोलियाँ चलाई गईं थी। सरयू मैया खून से लाल हो गई थीं। कोठारी बंधुओं को घर से लाकर गोली मारी गई। हमको ऐसी समरसता नहीं चाहिए। मेरे लिए कहा जा रहा मैं भाजपा का एजेंट हूँ मैं भाजपा का एजेंट नहीं हूँ। भाजपा मेरी एजेंट हो सकती है।” हिंदुओं के आश्वासन देते हुए रामभद्राचार्य ने कहा कि जहाँ भी हिंदुत्व को चुनौती मिलेगी मैं त्रिदंड लेकर वहाँ मौजूद रहूँगा और प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दूँगा।
इसके बाद रामभद्राचार्य ने कहा कि जब हमको कहा गया कि ‘मिले मुलायम काँशीराम, हवा में उड़ गए जय श्री राम’ तो हमने कुछ नहीं कहा। जब कल मैंने कह दिया, ‘मरे मुलायम-काँशीराम प्रेम से बोलो जय श्री राम’। तो मिर्ची क्यों लग रही। मैं नेताजी(मुलायम सिंह) और काँशीराम का आदर करता हूँ पर अब तो चले गए वह लोग हमने उनका अपमान नहीं किया।
तुलसी पीठाधीश्वर ने कहा कि राम भक्तों के खून का बदला लिया जाएगा। मैं कोई सौहार्द नहीं बिगाड़ रहा हूँ। मैं खुलकर कह रहा हूँ कि सबको यहाँ रहना है और जिसे भारत में रहना है उसे वंदे मातरम कहना है। सब रघुवर की संतान होकर रहो, बाबर की संतान होकर नहीं। उन्होंने पूछा कि क्या हमने रहीम जी को चित्रकूट में स्थान नहीं दिया? क्या रसखान को वृंदावन में स्थान नहीं मिला? इसलिए भारत में आक्रांता की संतान बनकर मत रहो। भारत के विकास में अपना योगदान दो। हम स्वागत करेंगे।
इसके बाद रामभद्राचार्य ने एक बार फिर से अयोध्या की घटना का जिक्र किया उन्होंने कहा कि इन लोगों को जरा भी दया नहीं आई। मेरा शरीर भौतिक दृष्टि से असमर्थ था। मुझे जेल में बंद कर दिया। डंडे मारे। मेरे दाहिने हाथ की कलाई टूट गई। मुझे 8 दिनों तक बंद रखा गया। जगदगुरु ने कहा कि मैंने अयोध्या में प्रतिज्ञा की थी। जब राम मंदिर बन जाएगा तब अयोध्या में कथा कहूँगा।
इसके बाद जगदगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि हमको अब पाक अधिकृत कश्मीर चाहिए। उन्होंने कहा कि हम आपको वचन देते हैं, मेरे ही काल में राम जन्मभूमि मिली, कृष्ण जन्मभूमि मिलेगी, विश्वनाथ मिलेंगे और गंगा-यमुना स्वच्छ होगी। इस यूट्यूब लिंक में रामभद्राचार्य के इन कथनों को 35वें मिनट से 40वें मिनट के बीच सुना जा सकता है।