राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार (12 अक्टूबर, 2021) को कहा कि वीर सावरकर को बदनाम करने के लिए देश की आजादी के बाद से ही अभियान चलाया गया। इसके बाद स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और योगी अरविंद को बदनाम करने का नंबर आएगा, क्योंकि सावरकर इन तीनों के विचारों से प्रभावित थे। उन्होंने कहा कि सावरकर ने कहा था कि किसी का तुष्टिकरण नहीं होना चाहिए और यही संघ का मानना है।
#WATCH | Mohan Bhagwat addresses Veer Savarkar Book launch; says ‘Savarkar was a nationalist & visionary, whatever he said has come true; today it’s not wrong to call it Savarkar’s era because it’s an era of nationalists’ https://t.co/oefJxIhn1D pic.twitter.com/Qegz21j2pi
— Republic (@republic) October 12, 2021
भागवत ने कहा, “सावरकर जी का हिन्दुत्व, विवेकानंद का हिन्दुत्व ऐसा बोलने का फैशन हो गया है। हिन्दुत्व एक ही है। वो पहले से है और आखिर तक वो ही रहेगा। सावरकर जी ने परिस्थिति को देखकर इसका उद्घोष जोर से करना जरूरी समझा।”
इतने वर्षों के बाद अब हम जब परिस्थिति को देखते हैं तो ध्यान में आता है कि जोर से बोलने की आवश्यकता तब थी, सब बोलते तो शायद विभाजन नहीं होता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 12, 2021
संघ प्रमुख ने भागवत ने कहा कि आज भारत में सावरकर के बारे में सही जानकारी का घोर अभाव है। यह एक समस्या है। मोहन भागवत ने कहा कि सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई गई। इनकी बदनामी की मुहिम स्वतंत्रता के बाद खूब चली है।
भागवत वीर सावरकर पर लिखी गई भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहूरकर की पुस्तक ‘वीर सावरकर: द मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन’ के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सावरकर के बारे में लिखी गईं तीन पुस्तकों के जरिए काफी जानकारी हासिल की जा सकती है।
मोहन भागवत ने कहा कि हमारी पूजा विधि अल-अलग है लेकिन पूर्वज एक हैं। उन्होंने कहा कि बँटवारे के बाद पाकिस्तान जाने वालों को वहाँ प्रतिष्ठा नहीं मिली। हिंदुत्व एक ही है जो सनातन है। सावरकर ने कहा था कि किसी का तुष्टिकरण नहीं होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, “इतने वर्षों के बाद अब हम जब परिस्थिति को देखते हैं तो ध्यान में आता है कि जोर से बोलने की आवश्यकता तब थी। सब बोलते तो शायद विभाजन नहीं होता।” उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि अब 75 साल बाद हिंदुत्व को जोर से बोलने की जरूरत है।
जो भारत का है, उसकी सुरक्षा, प्रतिष्ठा भारत के ही साथ जुड़ी है। विभाजन के बाद भारत से स्थलांतर करके पाकिस्तान में गए मुसलमानों की प्रतिष्ठा पाकिस्तान में भी नहीं है। जो भारत का है, वो भारत का ही है: वीर सावरकर पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में RSS प्रमुख मोहन भागवत pic.twitter.com/d6Alp5DdMa
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भारत विभाजन और मुसलमानों को लेकर भागवत ने कहा कि हमारी पूजा विधि अलग-अलग है लेकिन पूर्वज एक हैं। उन्होंने कहा, “जो भारत का है उसकी सुरक्षा और प्रतिष्ठा भारत के ही साथ जुड़ी है। विभाजन के बाद भारत से स्थानांतरण करके पाकिस्तान में गए मुसलमानों की प्रतिष्ठा पाकिस्तान में भी नहीं है। जो भारत का है, वो भारत का ही है।”
मोहन भागवत ने कहा कि सैयद अहमद को मुस्लिम असंतोष का जनक कहा जाता है। इतिहास में दारा शिकोह हुए तो औरंगजेब भी हुए। भागवत ने कहा कि अशफाक उल्लाह खान ने कहा था कि मरने के बाद अगला जन्म भारत में लूँगा, ऐसे लोगों के नाम गूँजने चाहिए।
हिंदुत्व को लेकर उन्होंने कहा कि भारतीय भाषा की परंपरा के अर्थ में धर्म का अर्थ जोड़ने वाला है, उठाने वाला है, बिखरने ना देने वाला है। साधारण शब्दों में समझा जाए तो भारतीय धर्म मानवता है।
वीर सावरकर जी महान स्वतंत्रता सेनानी थे इसमें कहीं दोमत नहीं हैं। किसी भी विचारधारा के चश्मे से देखकर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को अनदेखा करना, अपमानित करना ऐसा काम है जिसे कभी माफ नहीं किया जा सकता: वीर सावरकर पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह pic.twitter.com/Doa0yiZ2WU
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इसी कार्यक्रम में बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वीर सावरकर ने इस देश के लिए जो कुछ किया है उसको शब्दों के जरिए बयान नहीं किया जा सकता है।