भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंदन में अपनी पाँच दिवसीय यात्रा के बीच बुधवार (15 नवंबर 2023) को एक कार्यक्रम के दौरान कनाडा के मुद्दे पर बात की। उन्होंने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारतीय एजेंटों पर लग रहे आरोपों को लेकर कनाडा सरकार से सबूत माँगे। उन्होंने कहा कि भारत किसी भी प्रकार की जाँच से इनकार नहीं कर रहा है। लेकिन जाँच करवाने के लिए भारतीय एजेंटों के खिलाफ कुछ सबूत तो दिए जाएँ।
उन्होंने कार्यक्रम में कहा, “कनाडा में, हमें लगता है कि कनाडाई राजनीति ने हिंसक और अतिवादी राजनीतिक विचारों को जगह दी है जो हिंसक तरीकों सहित भारत से अलगाववाद की वकालत करते हैं। इन लोगों को कनाडा की राजनीति में शामिल किया गया है। उन्हें अपने विचार व्यक्त करने की आजादी दी गई है।”
#WATCH | London, UK: On Canada PM Justin Trudeau's allegations, External Affairs Minister of India, Dr S Jaishankar says, "…We have told the Canadians…The context is that in Canada, we feel that Canadian politics has given space to violent and extreme political opinions which… pic.twitter.com/XzP6OkYBSo
— ANI (@ANI) November 15, 2023
एस जयशंकर कहते हैं, “बोलने की आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी एक निश्चित जिम्मेदारी के साथ आती है। उन स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उस दुरुपयोग को बर्दाश्त करना बहुत गलत होगा। देखिए, यदि आपके पास ऐसा आरोप लगाने का कोई कारण है, तो कृपया हमारे साथ सबूत साझा करें। हम जाँच से इनकार नहीं कर रहे है। मगर उन्होंने अभी तक सबूत ही नहीं दिए।”
बता दें कि साल 2020 में भारत द्वारा हरदीप सिंह निज्जर को आतंकी घोषित किया गया था। 18 जून को हुई उसकी हत्या के बाद खालिस्तानी इसका इल्जाम भारतीय एजेंटों को देने लगे, लेकिन उस पर कोई सबूत नहीं दिया। पिछले दिनों सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इसे लेकर सिटिजन अरेस्ट की माँग उठाई थी और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ कनाडाइयों को भड़काया था
उससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो देश की संसद में बयान देकर भारत सरकार पर आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ है। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था। उस समय भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरिक बताकर एक सिरे से खारिज कर दिया था।