केरल में बुधवार (अप्रैल 6, 2021) को 140 विधानसभा सीटों के लिए मतदान संपन्न हो गया। राज्य में मुख्य लड़ाई सत्ताधारी वामपंथी गठबंधन ‘लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF)’ और कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली ‘यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF)’ के बीच है। भाजपा भी अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी हुई है। इसी बीच मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि सबरीमाला के भगवान अय्यप्पा सहित सभी देवी-देवता CPI(M) के साथ हैं।
उनका ये बयान अजीब है, क्योंकि केरल की वामपंथी सरकार ने ही पूरी सुरक्षा के बीच तथाकथित महिला एक्टिविस्ट्स को सबरीमाला मंदिर के भीतर पहुँचाया था। साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था। प्रदेश भर में भगवान अय्यपा के भक्तों पर हजारों केस दर्ज किए गए थे, जिन्हें चुनाव से ऐन पहले हटा लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में भी केरल की सरकार ने श्रद्धालुओं का पक्ष नहीं लिया।
अब केरल के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि LDF ने समाज के सभी तबकों के कल्याण के लिए कार्य किया है। इससे पहले केरल के नायर हिन्दुओं के संगठन ‘नायर सर्विस सोसाइटी’ के महासचिव सुकुमारन नायर ने कहा था कि सबरीमाला के श्रद्धालुओं का आंदोलन अभी ख़त्म नहीं हुआ है और लोगों को लगता है कि राज्य में सरकार बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि जनता सेक्युलरिज्म, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की रक्षा करने वालों को चुनेगी।
वहीं नेता प्रतिपक्ष और कॉन्ग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि LDF को सबरीमाला में प्रतिष्ठित भगवान अय्यप्पा और उनके भक्तों के क्रोध का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने LDF पर सबरीमाला के श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया। उन्होंने पूछा कि चुनाव जीतने के लिए नास्तिक विजयन अब सबरीमाला और श्रद्धालुओं की बातें कर रहे हैं। भाजपा शुरू से सबरीमाला मामले में श्रद्धालुओं के साथ है।
जहाँ कॉन्ग्रेस की राज्य यूनिट ने श्रद्धालुओं के साथ होने का दावा किया था, वहीं दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व की सबरीमाला मामले पर अलग राय थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में अपनी चुनावी रैली में ‘स्वामी शरणम् अय्यप्पा’ का नारा भी लगाया। केरल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि विजयन ने 3 साल पहले सबरीमाला के श्रद्धालुओं के साथ जो किया था, वो ‘राक्षसों वाला कृत्य’ था और लोग उनकी इस ‘शैतानी हरकत’ को माफ़ नहीं करेंगे।
अब पिनराई विजयन कह रहे हैं कि भगवान उनके साथ होते हैं, जो जनता का अच्छा करते हैं। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने कहा कि एक भी श्रद्धालु सीएम विजयन पर विश्वास नहीं करेगा। विपक्षी नेताओं ने पूछा कि नास्तिक महिलाओं को मंदिर के भीतर क्यों भेजा गया? उनका पूछना है कि जब केरल की सरकार को सुप्रीम कोर्ट में डाली गई एफिडेविट को वापस लेने को कहा गया था, तब उसकी तरफ से नकारात्मक प्रतिक्रिया आई थी।
#ExpressFrontPage | Referring to the Sabarimala issue, Vijayan said that the deity at Sabarimala, “Ayyappa, and the legion of Devas are with the LDF because this Government stood with the people in crisis”.https://t.co/xx5el71nYN
— The Indian Express (@IndianExpress) April 7, 2021
2018 में भी सीपीएम ने सर्वोच्च न्यायालय के उस विवादित फैसले का समर्थन किया था, जिसने उस परंपरा को अवैध करार दिया था, जिसके तहत केरल के सबसे पवित्र तीर्थ स्थल सबरीमाला मंदिर में 10 साल से 50 साल की उम्र सीमा वाली महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। सीपीआईएम के नेतृत्व वाले केरल प्रशासन पर जानबूझकर दो महिलाओं को स्वेच्छा से मंदिर में प्रवेश करा, प्राचीन परंपरा को तोड़कर मंदिर को ही दूषित करने के आरोप लगे थे।
मई 2016 में जब पिनराई विजयन को केरल सीएम के रूप में चुना गया था, तब उनकी पत्नी कमला विजयन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि न ही वो और ना उनके पति ईश्वर में विश्वास रखते हैं। हालाँकि, उन्होंने बताया था कि विजयन की माँ एक ‘सच्ची आस्तिक’ थीं। बकौल कमला विजयन, वो या उनके पति कभी मंदिर नहीं जाते हैं और न ही ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा था कि वो सिर्फ अच्छे कर्म में विश्वास रखते हैं।