विधानसभा चुनावों में पराजय के बाद अब राजस्थान में कॉन्ग्रेस सरकार की करतूतों की पोल उनके अपने ही खोल रहे हैं। सचिन पायलट की निगरानी किए जाने का चौंकाने वाला खुलासा लोकेश शर्मा ने किया है। शर्मा निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेष कार्याधिकारी (OSD) रह चुके हैं।
शर्मा के अनुसार पायलट के हर मूवमेंट पर नजर रखी जाती थी। उनका फोन टैप कराया गया था। सचिन पायलट का कहना है कि वे इस मुद्दे को पार्टी विधायक दल की बैठक में उठाएँगे। शर्मा ने इससे पहले चुनावों में कॉन्ग्रेस की हार का कसूरवार भी गहलोत को ही बताया था।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार पायलट की निगरानी और फोन टैप किए जाने के उनके समर्थकों के आरोपों को लेकर शर्मा से सवाल किया गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा, “ये तो निश्चित रूप से सबके सामने था कि वे कहाँ जा रहे थे, किससे मिल रहे थे, किससे बात कर रहे थे, इस पर नजर रखी गई थी।”
लोकेश शर्मा ने का यह भी कहना है कि उन्होंने कुछ विधायकों के टिकट काटने और सचिन पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान देने की सलाह मुख्यमंत्री गहलोत को दी थी। उन्होंने कहा, “अपने सर्वेक्षणों के आधार पर, मैंने मुख्यमंत्री से कहा था कि उन्हें मौजूदा विधायकों को बदलने की जरूरत है। उन्हें सचिन पायलट द्वारा उठाए गए पेपर लीक मुद्दे पर भी ध्यान देना चाहिए। लेकिन उनकी आपसी लड़ाई ने उस चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान पहुँचाया, जिसे हम जीत सकते थे।”
लोकेश शर्मा ने बताया कि अशोक गहलोत ने उनके सुझावों पर कोई एक्शन नहीं लिया। कॉन्ग्रेस आलाकमान को गलत रिपोर्ट भेजकर अँधेरे में रखा है। इसी कारण से पार्टी राज्य में हारी। लोकेश बीकानेर या भीलवाड़ा से लड़ना चाहते थे लेकिन कॉन्ग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस की करारी हार हुई है। पाँच साल सत्ता में रहने के बाद अब 2023 के विधानसभा चुनाव में मात्र 69 सीटें मिली हैं। भाजपा ने 115 सीटों के साथ राज्य में स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है।
गौरतलब है कि लोकेश बीकानेर या भीलवाड़ा से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कॉन्ग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। ऐसे में विधानसभा चुनाव में पार्टी को महज 69 सीटें मिलने के बाद से उन्होंने मोर्चा खोल रखा है। नतीजों के बाद उन्होंने कहा था, “तीसरी बार लगातार सीएम रहते हुए गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया। आज तक पार्टी से सिर्फ लिया ही लिया है, लेकिन कभी अपने रहते पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए गहलोत।”
लोकतंत्र में जनता ही माई-बाप है और जनादेश शिरोधार्य है, विनम्रता से स्वीकार है।
— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) December 3, 2023
मैं नतीजों से आहत जरूर हूँ, लेकिन अचंभित नहीं हूँ..
कांग्रेस पार्टी #Rajasthan में निःसंदेह रिवाज़ बदल सकती थी लेकिन अशोक गहलोत जी कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे। यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी…
आगे उन्होंने लिखा था,”आलाकमान के साथ फरेब, ऊपर सही फीडबैक न पहुँचने देना, किसी को विकल्प तक न बनने देना, अपरिपक्व और अपने फायदे के लिए जुड़े लोगों से घिरे रहकर आत्ममुग्धता में लगातार गलत निर्णय और आपाधापी में फैसले लिए जाते रहना, तमाम फीडबैक और सर्वे को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी और अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को उनकी स्पष्ट हार को देखते हुए भी टिकट दिलवाने की जिद, आज के ये नतीजे तय थे।”