Friday, November 15, 2024
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उद्धव की अयोध्या यात्रा से साधु-संत नाराज, स्वामी परमहंस बोले- वोट बैंक की राजनीति के लिए मक्का जाओ

"जिस दिन शिवसेना ने ऐसा किया उसी दिन बाला साहेब के सारे सिद्धांत खत्म कर दिए। अब जो वो अयोध्या आ रहे हैं ये रामभक्ति महज उनका दिखावा है। अब उनको वोट की राजनीति करनी है तो उनको मक्का का रुख करना चाहिए।"

7 मार्च को महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार को 100 दिन पूरे होने वाले हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अयोध्या का दौरा करने वाले हैं। इस दौरान शिवसेना की तरफ से अयोध्या में शक्तिप्रदर्शन किया जाना है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बताया कि उद्धव ठाकरे दोपहर को अयोध्या में श्री राम के दर्शन करेंगे। उसके बाद शाम को सरयु नदी के किनारे आरती करेंगे। ठाकरे के साथ शिवसेना के सभी मंत्री, सांसद, विधायक, नेता और कार्यकर्त्ता अयोध्या में जाने वाले हैं।

मगर उनकी यात्रा से पहले ही इसका विरोध होने लगा है। उनके विरोध में अयोध्या के साधु संत खुलकर सामने आ गए हैं। संतों का कहना है शिवसेना पार्टी हिंदुत्व के मार्ग से हट गई है। ऐसे में उनका अयोध्या आने का कोई औचित्य नहीं बनता है। हम उनको अयोध्या नहीं आने देंगे। तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने मंगलवार (मार्च 3, 2020) को इसका विरोध करते हुए कहा, “शिवसेना ने कॉन्ग्रेस से हाथ मिलाकर हिंदुत्व को धोखा दिया है। अब उन्हें अयोध्या नहीं मक्का मदीना जाना चाहिए। अगर वो अयोध्या आते हैं तो उनके काफिले को अयोध्या के प्रवेश मार्ग पर ही काले झंडे के साथ रोकेंगे।”

स्वामी परमहंस ने कहा, “शिवसेना हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे की बनाई हुई है। उनका उद्देश्य था कि हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाना है और हमेशा शिवसेना इसी एजेंडे में काम करती रही है। बाला साहेब ठाकरे ने कहा था कि शिवसेना को हम कॉन्ग्रेस नहीं बनने देंगे। अगर कदाचित ऐसा हुआ तो शिवसेना चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन उद्धव ठाकरे ने सत्ता के लालच में कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन किया।”

आगे उन्होंने कहा, “जिस दिन शिवसेना ने ऐसा किया उसी दिन बाला साहेब के सारे सिद्धांत खत्म कर दिए। अब जो वो अयोध्या आ रहे हैं ये रामभक्ति महज उनका दिखावा है। अब उनको वोट की राजनीति करनी है तो उनको मक्का का रुख करना चाहिए। वहाँ जाकर उनको रिझा लें, राम भक्तों के साथ उन्होंने धोखा किया है। जिस पार्टी ने भगवान राम को काल्पनिक बताया उस पार्टी का साथ देकर शिवेसना ने रामभक्तों के साथ छलावा किया है, जिन्होंने उन्हें वोट दिया। इसलिए अब उनको अयोध्या आकर रामभक्त होने का दिखावा करने की आवश्यकता नहीं है।”

संत ने जिला प्रशासन से माँग की है कि उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने की अनुमति न दी जाए लेकिन अगर यदि वह अयोध्या आते हैं तो वो स्वयं काला झंडा लेकर उनके काफिले को रोकेंगे। उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के नाम पर लोगों को ठगा है इसलिए अब अयोध्या में इनके लिए कोई स्थान नहीं है।

स्वामी परमहंस के विरोध के बाद हनुमानगढ़ी के पुजारी महंत राजू दास ने भी शिवसेना को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “मुस्लिमों को 5% आरक्षण देने वाली शिवसेना पार्टी लगातार हिंदुत्व के मार्ग से हट गई है, उद्धव को अयोध्या आने नहीं दूँगा।” इससे पहले भी उद्धव ठाकरे के दौरे के दौरान महंत राजू दास ने आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, “अयोध्या को राजनीती से दूर रखे। आओ दर्शन करो, आरती करो लेकिन अयोध्या में राजनीति मत करो।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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