नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ आज उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित नदवा महाविद्यालय में हुए प्रदर्शन के लिए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कॉन्ग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि शनिवार को ही राहुल गाँधी की रीलॉन्चिंग के लिए रैली हुई थी और अगले ही दिन हिंसा भड़क गई। उनके मुताबिक, राहुल गाँधी प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ लोगों को ये कहकर भड़काने की कोशिश कर रहे हैं कि पीएम मोदी हिंदू-मुस्लिम में फर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता के अनुसार विपक्ष नागरिकता कानून पर हिंदू-मुस्लिम कर विभाजनकारी नीति अपना रहा है, लोगों को गलत जानकारी दी जा रही है। उनके मुताबिक छात्रों को केवल मोहरा बनाया गया है। ताकि राजनैतिक महत्तवकांक्षाओं को पूरा किया जा सके।
#LIVE – Rahul Gandhi was trying to instigate the people by saying PM Modi is trying to differentiate between Hindu and Muslims: BJP Spokesperson Sambit Patra addresses media on anti-CAA protests.#CAAShowdown pic.twitter.com/bt7BL5mZAr
— News18 (@CNNnews18) December 16, 2019
संबित पात्रा ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि संसद से पारित कानून के खिलाफ जिस तरह से हिंसक प्रदर्शन हो रहा है, उससे पता चलता है कि विपक्ष जिम्मेदार बर्ताव नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने अपने-अपने ओवैसियों को मुस्लिम वोट बैंक के लिए उतारा है।
BJP’s Sambit Patra (@sambitswaraj) address media on students staging protests across #India, says, the opposition is communalising issues pic.twitter.com/lyJBCTBe8U
— Mirror Now (@MirrorNow) December 16, 2019
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बातचीत में संबित पात्रा ने ओवैसी को नया जिन्ना के रूप में बताया और विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा, “ओवैसी देश में नए जिन्ना के तौर पर काम कर रहे हैं। उनकी प्रतिस्पर्धा में अमानतुल्लाह खान हैं, वह दिल्ली का जिन्ना बनना चाहते हैं। ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि बंगाल में रहने वाले को बांग्ला बोलनी होगी, लेकिन अब हिंदी में ही पूरा भाषण क्यों दिया। क्या उनकी मंंशा पूरे देश में उपद्रव की है।“
संबित पात्रा ने कहा कि हम कल से दिल्ली में हिंसा देख रहे हैं और आज लखनऊ में भी प्रदर्शन शुरू हो गया है। नागरिकता संशोधन कानून में किसी भी धर्म, जाति के नागरिक के साथ भेदभाव का प्रावधान नहीं है। किसी के अधिकारों का हनन नहीं है। कुछ सियासी दल पढ़े-लिखे छात्रों को बरगला विरोध प्रदर्शन करा रहे हैं।