Friday, January 3, 2025
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‘राहुल गाँधी की रैली के बाद नदवा में भड़की हिंसा, ओवैसी देश में नए जिन्ना के तौर पर कर रहे हैं काम’

"ओवैसी देश में नए जिन्ना के तौर पर काम कर रहे हैं। उनकी प्रतिस्पर्धा में अमानतुल्लाह खान हैं, वह दिल्ली का जिन्ना बनना चाहते हैं। ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि बंगाल में रहने वाले को बांग्ला बोलनी होगी, लेकिन अब हिंदी में ही पूरा भाषण क्यों दिया। क्या उनकी मंंशा पूरे देश में उपद्रव की है।"

नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ आज उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित नदवा महाविद्यालय में हुए प्रदर्शन के लिए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कॉन्ग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि शनिवार को ही राहुल गाँधी की रीलॉन्चिंग के लिए रैली हुई थी और अगले ही दिन हिंसा भड़क गई। उनके मुताबिक, राहुल गाँधी प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ लोगों को ये कहकर भड़काने की कोशिश कर रहे हैं कि पीएम मोदी हिंदू-मुस्लिम में फर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता के अनुसार विपक्ष नागरिकता कानून पर हिंदू-मुस्लिम कर विभाजनकारी नीति अपना रहा है, लोगों को गलत जानकारी दी जा रही है। उनके मुताबिक छात्रों को केवल मोहरा बनाया गया है। ताकि राजनैतिक महत्तवकांक्षाओं को पूरा किया जा सके।

संबित पात्रा ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि संसद से पारित कानून के खिलाफ जिस तरह से हिंसक प्रदर्शन हो रहा है, उससे पता चलता है कि विपक्ष जिम्मेदार बर्ताव नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने अपने-अपने ओवैसियों को मुस्लिम वोट बैंक के लिए उतारा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बातचीत में संबित पात्रा ने ओवैसी को नया जिन्ना के रूप में बताया और विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा, “ओवैसी देश में नए जिन्ना के तौर पर काम कर रहे हैं। उनकी प्रतिस्पर्धा में अमानतुल्लाह खान हैं, वह दिल्ली का जिन्ना बनना चाहते हैं। ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि बंगाल में रहने वाले को बांग्ला बोलनी होगी, लेकिन अब हिंदी में ही पूरा भाषण क्यों दिया। क्या उनकी मंंशा पूरे देश में उपद्रव की है।

संबित पात्रा ने कहा कि हम कल से दिल्‍ली में हिंसा देख रहे हैं और आज लखनऊ में भी प्रदर्शन शुरू हो गया है। नागरिकता संशोधन कानून में किसी भी धर्म, जाति के नागरिक के साथ भेदभाव का प्रावधान नहीं है। किसी के अधिकारों का हनन नहीं है। कुछ सियासी दल पढ़े-लिखे छात्रों को बरगला विरोध प्रदर्शन करा रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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