उत्तर प्रदेश के मत्स्यपालन मंत्री डॉ. संजय निषाद ने फिर से श्रृंगवेरपुर धाम के निषादराज किले में बनाई गई मस्जिद को हटाने की माँग की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर में 16 अगस्त को निषाद पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के दौरान उन्होंने यह माँग दोहराई। डॉ. संजय निषाद ही इस पार्टी के अध्यक्ष हैं। समारोह में एनडीए के घटक दलों के नेता भी मौजूद थे।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार डॉ. संजय निषाद ने कहा कि निषादराज किले में भगवान श्रीराम ने रात्रि विश्राम किया था, लेकिन वहाँ मस्जिद बना दी गई है। अब उस जगह पर हरे झंडा लहरा रहे हैं। इस मस्जिद को बाबरी की तरह ही हटाकर किले का निर्माण करवाया जाना चाहिए। उन्होंने जब यह बात कही तब मंच पर यूपी के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे।
निषाद पार्टी के मुखिया ने कहा है कि निषादराज का किला हासिल करने के लिए वे लोकतांत्रिक तरीके से कुछ भी करने को तैयार हैं। चाहे मुस्लिमों से मुकदमा लड़ना पड़े या उनसे अपील करनी पड़े। उन्होंने कहा कि निषादराज का किला एक विरासत है। यह विरासत निषाद समाज को सौंपकर वहाँ एक किला बनवाया जाए। संजय निषाद ने कहा है कि जब तक श्रृंगवेरपुर में निषादराज के किले पर ‘जय निषादराज’ का झंडा था और अयोध्या में श्रीराम का झंडा था, तब तक सुख का राज था। यह किला 300 मीटर से अधिक बड़ा था। प्रधानमंत्री भी वहाँ जा चुके हैं। लेकिन अब वहाँ पर चोरी से एक मस्जिद बना दी गई है।
इससे पहले संजय निषाद ने जून 2023 में भी इस मस्जिद का मुद्दा उठाया था। तब उन्होंने कहा था कि यदि मस्जिद नहीं हटाई गई तो उसे मार्च 2024 तक ढाह दिया जाएगा। ‘NISHAD Party’ के मुखिया ने कहा था, “जब इंदिरा गाँधी ने वहाँ खुदाई कराई थी, उस समय तो वहाँ मस्जिद थी ही नहीं। यानी, बाद में इस किले के ऊपर मस्जिद बना दिया गया। फिर धीरे-धीरे बढ़ कर इस मस्जिद को एक एकड़ में फैला लिया गया। निषादराज तो मुस्लिम थे ही नहीं, फिर वहाँ मस्जिद कैसे बन गई? जब हमारा पुरातत्व विभाग कह चुका है कि ये निषादराज की संपत्ति है, फिर मुस्लिमों ने यहाँ मस्जिद कैसे बना ली?”