Sunday, November 17, 2024
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राहुल गाँधी समलैंगिक हैं, कॉन्ग्रेस उनकी वर्जिनिटी की जाँच कराए: स्वामी चक्रपाणि

"ये पूर्व महासभा अध्यक्ष वीर सावरकर के ख़िलाफ़ बेहूदा आरोप हैं। जाहिर तौर पर हमने भी यह सुना है कि खुद राहुल गाँधी समलैंगिक हैं और उनका सिंधिया जैसे अनेक लोगों के साथ समलैंगिक संबंध रहा है।"

कॉन्ग्रेस सेवा दल की बुकलेट में वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक रिश्तों के उल्लेख होने का मामला तूल पकड़ने के बाद अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी ने शुक्रवार (जनवरी 3, 2020) को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी पर निशाना साधा है।

उन्होंने बुकलेट में लगाए गए आरोपों को ‘बकवास’ कहा है और साथ ही सावरकर पर की गई ओछी टिप्पणी का पलटवार करते हुए कहा कि हमने भी सुना है कि राहुल गाँधी समलैंगिक हैं। बता दें इससे पहले चक्रपाणि ने राहुल के सावरकर के ख़िलाफ़ दिए बयान पर शिकायत दर्ज करवाई थी।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू महासभा के प्रमुख स्वामी चक्रपाणि ने कॉन्ग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, “ये पूर्व महासभा अध्यक्ष वीर सावरकर के ख़िलाफ़ बेहूदा आरोप हैं। जाहिर तौर पर हमने भी यह सुना है कि खुद राहुल गाँधी समलैंगिक हैं और उनका सिंधिया जैसे अनेक लोगों के साथ समलैंगिक संबंध रहा है।”

वे आगे कहते हैं, “हम कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से माँग करते हैं कि अगर राहुल गाँधी से जुड़ी इस बात में सच्चाई नहीं है, तो कॉन्ग्रेस पार्टी उनकी (राहुल गाँधी) वर्जिनिटी की जाँच कराएँ, उनके समलैंगिक न होने की जाँच कराएँ। हम भी सावरकरजी पर मूल्यांकन के लिए तैयार हैं।”

स्वामी चक्रपाणि का बयान

गौरतलब है कि स्वामी चक्रपाणि का ये बयान मध्यप्रदेश के भोपाल में कॉन्ग्रेस द्वारा चलाए जा रहे अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस सेवा दल के प्रशिक्षण शिविर में बाँटी गई ‘वीर सावरकर कितने ‘वीर’?’ नाम की पुस्तिका में लिखी बातों के ऊपर आई है। जिसमें बीजेपी पर निशाना साधने के लिए सावरकर को टारगेट करते हुए उनके आसपास की कई घटनाओं, सवालों और विवादों का जिक्र है।

विनायक दामोदर सावरकर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर कॉन्ग्रेस द्वारा जारी की गई विवादित पुस्तिका में दावा किया गया है, “महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के साथ हिंदू महासभा के सह-संस्थापक का शारीरिक संबंध था।”

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डोमिनिक लैपिएरे और लैरी कॉलिन्स की किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ में उल्लेखित एक घटना का उल्लेख करते हुए, कॉन्ग्रेस द्वारा जारी बुकलेट में कहा गया है, ”ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले, नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्यौरा मिलता है। यह समलैंगिक संबंध था। उनका पार्टनर था उनका राजनैतिक गुरू वीर सावरकर।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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