सेंसेक्स की तेज़ रफ़्तार पीएम मोदी के जीत का स्वागत करती नज़र आ रही है। शुरूआती रूझानों में बीजेपी को बहुमत मिलते देख सेंसेक्स 40,000 के लेवल को पार कर गया। ऐसा पहली बार हुआ है जब सेंसेक्स ने 40,000 के लेवल को पार किया है, वहीं निफ़्टी पहली बार 12,000 के लेवल को पार कर चुका और बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप में 1 फ़ीसदी की बढ़त हुई है। सेंसेक्स में 600 अंकों से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई है, इससे बाज़ार में ख़ुशी की लहर देखी जा रही है।
Sensex up by more than 600 points as early trends show a return to power of NDA Government pic.twitter.com/GpIQ7Agjir
— ANI (@ANI) May 23, 2019
कल (22 मई) सेंसेक्स 140 अंको की बढ़त के साथ 39,110 और निफ़्टी क़रीब 20 अंको की बढ़त के साथ 11,737 के स्तर पर बंद हुआ था।
बता दें कि बीते रविवार (19 मई) को एग्जिट पोल के नतीजे आए थे। इनमें मोदी सरकार की वापसी की उम्मीद जताई गई थी। इसके बाद सोमवार को सेंसेक्स 1421 की बढ़त के साथ 39,352 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 421 अंक मज़बूत होकर 11,828 के स्तर पर रहा। निफ्टी में यह एक दिन में अंकों के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी तेजी थी। वहीं, सेंसेक्स 10 साल के उच्चतम स्तर की बढ़त पर बंद हुआ था। ऐसा माना जा रहा है कि मोदी सरकार की वापसी के संकेतों के बाद बाज़ार ने पिछले 10 वर्षों की लंबी छलांग लगाई।
2014 में चुनावी नतीजों वाले भी दिन भी हुआ था इज़ाफ़ा
वहीं, अगर साल 2014 के चुनावी नतीजों वाले दिन की बात करें बात करें तो शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1,470 अंकों की जबरदस्त उछाल के साथ 25,375 के स्तर पर पहुँच गया था। हालाँकि, बाद में बिकवाली की वजह से मार्केट की चाल सुस्त पड़ गई और सेंसेक्स 23,873.16 के स्तर पर पहुँच गया था। दिन में कारोबार के अंत में निवेशकों की पूंजी में 1 लाख करोड़ का ज़बरदस्त इज़ाफ़ा हुआ था और यह 80.64 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया था।
2004 में, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बीजेपी के दूसरे कार्यकाल की उम्मीद नज़र आ रही थी, उस दौरान भी बाज़ारों में बढ़त देखी गई थी, लेकिन परिणाम सामने आने के तुरंत बाद ही बाज़ार में गिरावट आ गई थी।