बिहार पुलिस ने RJD से निष्कासित और पूर्णिया में दलित नेता शक्ति मलिक की हत्या के आरोप में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। बुधवार (अक्टूबर 07, 2020) को बिहार पुलिस ने इसकी सूचना दी। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में से एक आफताब को इस हत्या का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। आफताब ने कहा है कि वह आज का रावण था और उन्हें उसकी हत्या कोई अफ़सोस नहीं है।
इससे पहले, 3 अक्टूबर को पूर्णिया जिले में मारे गए राजद पार्टी के पूर्व सचिव शक्ति मलिक की हत्या के सिलसिले में लालू प्रसाद यादव के बेटों – तेजस्वी और तेजप्रताप यादव सहित छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पूर्णिया पुलिस ने उन्हें आरोपों से क्लीनचिट दी है।
घटना के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक (एसपी) विशाल शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा- “हमने एक डायरी बरामद की है, जिसके अनुसार, मलिक ने लोगों को उधार दिया था। हमें बताया गया है कि वह उधार लेने वालों को बाद में ब्लैकमेल करने के लिए ब्लैंक चेक और कोरे स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करवाता था। मलिक भारी ब्याज वसूलता था, जिससे उधार लेने वालों को इसे चुकाने में मुश्किल हो जाती थी। 3 अक्टूबर को, शक्ति मलिक ने एक आरोपित को 3-4 घंटे बैठाया और चुनावी तैयारियों के बीच उसे पटना ले जाने के लिए उस पर दबाव बनाया। आखिर में उन्होंने उसे मारने का फैसला किया। आरोपितों ने कहा कि उन्हें अफसोस नहीं है।”
एफआईआर में नामजद छह लोगों के खिलाफ कोई सबूत होने के सवाल पर एसपी ने कहा, “जैसा कि मैंने पहले कहा था कि हम उन सभी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जिनके नाम सबूत के आधार पर सामने आए हैं। छह लोग जो एफआईआर में नामजद थे, उन सभी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। हमने मलिक की हत्या करने वाले सभी सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।”
एसपी ने कहा कि अभी यह भी जाँच की जाएगी कि क्या पुलिस अधिकारियों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए उसकी मदद की है? इससे पहले पुलिस ने बताया कि मलिक को 11 सितंबर को राजद से निष्कासित कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि बिहार चुनाव से पहले पूर्णिया में दलित नेता शक्ति मलिक की हत्या मामले में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव समेत 6 लोग आरोपित थे। उसके बाद तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ गई थीं।
तेजश्वी का नाम आने के बाद मामले ने राजनीतिक शक्ल अख्तियार कर ली थी। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया था कि राजनीतिक कारणों से उसके पति की हत्या करवाई गई है। इस मामले को लेकर खुद तेजश्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर सीबीआई जाँच की माँग की थी।
पूर्णिया पुलिस ने इस मामले में जिन 7 लोगों को गिरफ्तार किया है उन्हीं में से एक आरोपित आफताब ने स्वीकार किया है कि शक्ति मलिक की हत्या उन्होंने ही की है। आफताब ने कहा है कि वह आज का रावण था और उन्हें इसका कोई अफ़सोस नहीं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, आफताब ने कहा कि उन लोगों ने मजबूरी में ऐसा कदम उठाया है, और वो कोई पेशेवर अपराधी नहीं हैं,कानून जो सजा देगी, उसको स्वीकार करेंगे।