राहुल गाँधी शनिवार (6 जून, 2024) को एक बार फिर से कॉन्ग्रेस के चुनाव चिह्न को अभय मुद्रा बताते हुए इसे सभी धर्मों से जोड़ा। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक की तस्वीर भी आप देखेंगे तो वो उनका हाथ अभय मुद्रा में होता है। हालाँकि, अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर का प्रबंधन करने वाली ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी’ (SGPC) ने राहुल गाँधी के इस बयान की निंदा की है। राहुल गाँधी ने संसद में भी यही बात कही थी, जिसे उन्होंने गुजरात में दोहराया है।
SGPC ने स्पष्ट कहा है कि पवित्र गुरबानी और गुरुओं की शिक्षाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सिख संस्था ने एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें कहा गया कि गुरुओं के मूल सिद्धांतों और पवित्र गुरबानी के सही अर्थ की कभी-कभी राजनीतिक हस्तियों द्वारा गलत व्याख्या की गई, जिससे सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँची। सिख संस्था ने कहा कि राहुल गाँधी ने गुरु नानक की तस्वीर को अभय मुद्रा से जोड़ा, जो एकदम गलत है।
पारित किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि गुरु नानक देव जी ने ऐसी किसी भी मुद्रा या आसन को मान्यता नहीं दी है। इसमें कहा गया है कि गुरु नानक ने ऐसी किसी भी चीज से अलग ‘अकाल पुरख’ से जुड़ने की शिक्षा दी है। साथ ही SGPC ने लोकसभा एवं राज्यसभा के स्पीकरों से निवेदन किया कि किसी भी धर्म को ठेस पहुँचाई जाने वाली बातें संसद में नहीं की जानी चाहिए। राहुल गाँधी, जो सिख धर्म से भी कॉन्ग्रेस के चुनाव चिह्न को जोड़ रहे हैं, उन्हें इस बयान से झटका लग्न तय है।
ਸੰਸਦ ’ਚ ਰਾਹੁਲ ਗਾਂਧੀ ਵੱਲੋਂ ਅਭਯ ਮੁਦਰਾ ਨੂੰ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਨਾਲ ਜੋੜਨ ਦਾ ਲਿਆ ਸਖ਼ਤ ਨੋਟਿਸ
— Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (@SGPCAmritsar) July 5, 2024
Strict notice of Rahul Gandhi's statement in Parliament of linking Abhaya Mudra to Sri Guru Nanak Dev@VPIndia @ombirlakota @RahulGandhi pic.twitter.com/kA3qwX7Cc9
राहुल गाँधी ने संसद में भगवान शिव की भी तस्वीर दिखाई थी और दावा किया था कि वो अपनी त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं और अभय मुद्रा में अपना हाथ आगे रखते हैं। साथ ही उन्होंने इस्लाम में दुआ पढ़े जाने को भी इससे जोड़ा था। राहुल गाँधी ने येशु मसीह और गुरु नानक की भी तस्वीरें लहराई थीं। मुस्लिम विद्वान पहले ही उन्हें लताड़ते हुए कह चुके हैं कि इस्लाम का अभय मुद्रा से कोई लेना-देना नहीं है। अब यही बातें कर के कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गुजरात में भाजपा को हराने की बातें कर रहे हैं।